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महामारी को आमंत्रण दे रहा कचरा
लापरवाही. रेलवे द्वारा चलाये जा रहे स्वच्छता अभियान की खुल रही पोल ढेर लगाने वाला पर्षद लगातार कर रहा बहानेबाजी पर्षद द्वारा जमा किये जा रहे कचरे का निष्पादन करने का उसके पास कोई उपयुक्त साधन नहीं है. इसके कारण ये सड़ कर दुर्गंध पैदा करते हैं. ढेर से पैदा हो रही दुर्गंध के कारण […]
लापरवाही. रेलवे द्वारा चलाये जा रहे स्वच्छता अभियान की खुल रही पोल
ढेर लगाने वाला पर्षद लगातार कर रहा बहानेबाजी
पर्षद द्वारा जमा किये जा रहे कचरे का निष्पादन करने का उसके पास कोई उपयुक्त साधन नहीं है. इसके कारण ये सड़ कर दुर्गंध पैदा करते हैं. ढेर से पैदा हो रही दुर्गंध के कारण इसके आसपास रहनेवाले लोगों का जीना दूभर हो गया है साथ ही उसके आसपास से गुजरना भी मुश्किल हो गया है. बरसात के दिनों में ये सड़ कर कई बीमारियों को जन्म देते हैं, जिससे आसपास के लोग प्रभावित होते हैं.
हाजीपुर : शहर के जौहरी बाजार से सटे रेलवे लाइन केबगल में लगा कचरे का ढेर महामारी को खुला आमंत्रण दे रहा है, लेकिन इसकी चिंता न तो रेलवे को है और न शहर की साफ-सफाई का जिम्मा संभलने वाले नगर पर्षद को. ऐसी स्थिति में नागरिकों के सामने समस्या यह है कि वे अपनी फरियाद कहां और किससे करें.
क्या है समस्या : शहर के विभिन्न हिस्सों की सफाई कर नगर पर्षद कचरों को शहर के जौहरी बाजार से सटे रेलवे लाइन के किनारे जमा करती है. जमा किये जा रहे कचरे का निष्पादन करने का नगर पर्षद के पास कोई उपयुक्त साधन नहीं है. इससे ये सड़ कर दुर्गंध पैदा करते हैं. इसके कारण पैदा हो रहे दुर्गंध के कारण आसपास के लोगों का जीना दूभर हो गया है.
बरसात के दिनों में ये सड़ कर कई बीमारियों को जन्म देते हैं.
सैकड़ों बच्चे हो सकते हैं बीमार : कचरे की ढेर से महज कुछ ही दूरी पर पर्षद के पूर्व उपसभापति द्वारा संचालित विद्यालय है, जहां प्रतिदिन सैकड़ों छोटे-छोटे बच्चे प्रतिदिन इसी रास्ते से जाते हैं. इसके अलावा कई छोटे-छोटे शिक्षण संस्थान हैं. यदि समय रहते इस समस्या का समाधान नहीं ढूंढा गया, तो शीघ्र ही शहर की एक बड़ी आबादी महामारी की चपेट में होगी.
अब तक क्या हुआ : ऐसा भी नहीं है कि इस समस्या से नगर पर्षद या जिला प्रशासन अनजान है. कई बार स्थानीय नागरिकों एवं संगठनों ने इस समस्या के विरुद्ध आवाज बुलंद की और हर बार उसे शीघ्र समाधान का आश्वासन मिलता रहा है. लेकिन नतीजा ढाक के तीन पात यानी लोग गंदगी में जीवन बसर करने को अभिशप्त हो रहे हैं.
नगर पर्षद की योजना नहीं चढ़ी परवान : पर्षद के निवर्तमान सभापति एवं उपसभापति ने कुरसी संभालते ही समस्या को लेकर कहा था कि कचरे के निबटान के लिए इस जगह पर वेस्ट मैनेजमेंट की व्यवस्था कर कचरे से बिजली उत्पादन की व्यवस्था की जायेगी. लेकिन तब से नागरिक इसी प्रतीक्षा में थे कि बरसात आते ही नागरिकों की परेशानी बढ़ने लगी और परेशान लोगों ने इसके लिए फिर से जिले के आलाधिकारियों से गुहार लगानी प्रारंभ कर दी है.
रेल हमसफर सप्ताह मनाने वाली रेलवे भी मौन : रेल परिसर में लगे इस कचरे के ढेर से न केवल आसपास के नागरिक परेशान हो रहे हैं बल्कि यहां से गुजरने वाली ट्रेन के यात्रियों को भी नाक ढंकने के लिए विवश होना पड़ता है. अपने यात्रियों की सुविधा के लिए पूर्व मध्य रेलवे न केवल लगातार स्वच्छता अभियान चला रही है बल्कि रेल हम सफर सप्ताह भी मना रही है, लेकिन उसकी जमीन में लगे कचरे के ढेर महामारी को आमंत्रित कर रहे है और वह मूकदर्शक बनी हुई है.
डीएम से लगायी गुहार : पर्षद की वादाखिलाफी से ऊब नागरिकों ने इस मामले में जिला प्रशासन से कार्रवाई की मांग की है. सांचीपट्टी मुहल्ला स्थित विवेकानंद कॉलोनी निवासी अधिवक्ता मुकेश कुमार दीपक के नेतृत्व में दर्जनों नागरिकों ने जिला पदाधिकारी को एक आवेदन देकर इस मामले कार्रवाई की गुहार लगायी है. नागरिकों ने इसके विरुद्ध आंदोलन की भी चेतावनी दी है.
क्या कहते हैं अधिकारी
वेस्ट मैनेजमेंट की योजना पर पर्षद गंभीरता से काम कर रहा है. शीघ्र ही उसके परिणाम धरातल पर दिखेंगे. समस्या वास्तव में गंभीर है. तत्काल दुर्गंध और संक्रमण को समाप्त करने के लिए पर्षद वहां ब्लीचिंग करायेगा.
निकेत कुमार, उपसभापति
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