जिले में बीते पांच मई से 19 मई के बीच अलग-अलग थाना क्षेत्रों में चार युवकों की गोली मार कर हत्या की जा चुकी है. नगर थाने के बागमली में पांच मई को पेप्सी कंपनी के अधिकारी किसलय की हत्या के बाद अगले दिन छह मई को महुआ थाना क्षेत्र की भदवास में 22 वर्षीय युवक गुड्डू शर्मा की हत्या कर दी गयी. 18 मई को सराय थाना क्षेत्र के प्रबोधी नरेंद्र निवासी 28 वर्षीय युवक मुन्ना सिंह को मौत के घाट उतार दिया गया और इसके अगले दिन 19 मई को वैशाली थाना क्षेत्र में अपराधियों ने एक गैस एजेंसी के कर्मचारी विपिन कुमार को मार डाला. एक के बाद एक हत्या इन घटनाओं ने जिले के प्रबुद्ध और संवेदनशील लोगों को हिला कर रख दिया है.
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एक पखवारे में चार हत्याएं पर पुलिस के हाथ खाली
जिले में बीते पांच मई से 19 मई के बीच अलग-अलग थाना क्षेत्रों में चार युवकों की गोली मार कर हत्या की जा चुकी है. नगर थाने के बागमली में पांच मई को पेप्सी कंपनी के अधिकारी किसलय की हत्या के बाद अगले दिन छह मई को महुआ थाना क्षेत्र की भदवास में 22 वर्षीय […]
हाजीपुर : अब तो कोई भी मुंसिफ कहीं नहीं है मगर. यह धरती नींद से आखिर कभी तो जागेगी. करेगी जब वह अपने गुमशुदा बेटों की तलाश. तो कतरा-कतरा लहू का हिसाब मांगेगी’. एक कविता की इन पंक्तियों के माध्यम से वैशाली जिले में बीते दो हफ्ते के अंदर चार निर्दोष युवाओं की हत्या पर अपना क्षोभ प्रकट करते हुए वरिष्ठ लेखक डॉ ब्रज कुमार पांडेय अपने पड़ोसी गिरिजाशंकर सिंह को ढाढ़स बंधाते हैं, जो अपने होनहार पुत्र किसलय कुमार की हत्या से टूट चुके हैं.
पुलिस की पकड़ से बाहर हैं हत्यारे
जिले में हुई इन वारदातों के असली अभियुक्तों का अब तक नहीं पकड़ा जा सका है. जिला पुलिस इन मामलों में कार्रवाई के नाम पर महज खानापूर्ति करती दिख रही है. पुलिस प्रशासन चाहे जो दावा करे, लेकिन हत्यारे अब तक कानून की गिरफ्तार से बाहर है. पुलिस की भूमिका पर कई सवाल उठने लगे हैं. पीड़ित परिवारों के साथ-साथ संबंधित इलाके के लोगों में भी आक्रोश बढ़ता जा रहा है. किसलय की हत्या के लगभग 20 दिन बीतने को है, लेकिन इस मामले में पुलिस के हाथ अब तक खाली है.
गुड्डू और विपिन हत्याकांड में भी पुलिस को नहीं मिला सुराग
पंचायत चुनाव के दौरान भदवास में मारे गये गुड्डू शर्मा और प्रबोधी नरेंद्र में मारे गये मुन्ना सिंह के हत्यारों को अब तक गिरफ्तार नहीं किया जा सका है. गैस एजेंसी के कर्मी विपिन कुमार की हत्या मामले में भी पुलिस अपराधियों का सुराग नहीं पा सकी है. इन इलाकों के लोग सवाल करते हैं कि क्या कानून के हाथ अब इतने लंबे नहीं रहे कि हत्यारों की गरदन तक पहुंच सके. क्या किसी रसूखदार और विशिष्ट व्यक्ति की हत्या होने पर ही पुलिस तत्परता दिखाती है और आम आदमी की जान की उसकी नजर में कोई कीमत नहीं. ऐसे अनेक सवाल लोगों के मन में उठ रहे हैं और इसी के साथ उठ रहा है पुलिस प्रशासन के प्रति उनका भरोसा भी.
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