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जिले भर में करीब 500 जांचघरों में केवल 21 ही हैं निबंधित

अवैध जांचघर होंगे बंद, 15 को नोटिस जिला मुख्यालय हाजीपुर के अलावा महुआ, लालगंज, महनार, जंदाहा आदि बाजारों में ऐसे जांच घरों की कमी नहीं है, जो बिना निबंधन के अवैध रूप से चलाये जा रहे हैं. जिले भर में ऐसे जांच घरों की संख्या पांच सौ से अधिक बतायी जाती है. इन अवैध जांच […]

अवैध जांचघर होंगे बंद, 15 को नोटिस

जिला मुख्यालय हाजीपुर के अलावा महुआ, लालगंज, महनार, जंदाहा आदि बाजारों में ऐसे जांच घरों की कमी नहीं है, जो बिना निबंधन के अवैध रूप से चलाये जा रहे हैं. जिले भर में ऐसे जांच घरों की संख्या पांच सौ से अधिक बतायी जाती है. इन अवैध जांच घरों में जांच की गुणवत्ता और प्रमाणिकता भी संदिग्ध है.
चिकित्सकों से तय कमीशन के आधार पर इनका धंधा चल रहा है. इस तरह के जांच घर मरीजों से नाजायज पैसे तो ऐंठ ही रहे हैं, उनके स्वास्थ्य के साथ भी खिलवाड़ कर रहे हैं. जिले में कुकुरमुत्ते की तरह खोले गये जांच घरों में 10 फीसदी भी रजिस्टर्ड नहीं हैं. बिचौलियों के बूते फल-फूल रहे चिकित्सा बाजार में इलाज एवं पैथोलॉजिकल जांच के बहाने मरीजों का जम कर दोहन किया जा रहा है.
इस संबंध में दाखिल याचिका पर सुनवाई करते हुए हाइ कोर्ट ने जिले के वैसे तमाम जांच घरों एवं डायग्नोस्टिक सेंटर, जो अवैध ढंग से चलाये जा रहे हैं, पर सख्त कार्रवाई का निर्देश दिया है.
शहर के 18 जांचघरों की छानबीन में मात्र तीन ही पाये गये सही
हाजीपुर : जिले में अवैध रूप से चल रहे जांच घरों को बंद कराया जायेगा. पटना हाइ कोर्ट के सख्त निर्देश के बाद जिले का स्वास्थ्य महकमा हरकत में आया है और इस दिशा में कार्रवाई शुरू कर दी गयी है. स्वास्थ्य विभाग की ओर से अवैध जांच घरों को नोटिस देकर आवश्यक कागजात पेश करने को कहा गया है.
जो भी जांच घर या डायग्नोस्टिक सेंटर तय मानकों को पूरा नहीं करते, उनके खिलाफ कार्रवाई की जायेगी. मालूम हो कि जिले में चिकित्सा के क्षेत्र में लूट-खसोट और ठगी का धंधा बेरोक-टोक चल रहा है. बिचौलियों के बूते फल-फूल रहे चिकित्सा बाजार में इलाज एवं पैथोलॉजिकल जांच के बहाने मरीजों का जम कर दोहन किया जा रहा है. इस संबंध में दाखिल याचिका पर सुनवाई करते हुए हाइ कोर्ट ने जिले के वैसे तमाम जांच घरों एवं डायग्नोस्टिक सेंटर, जो अवैध ढंग से चलाये जा रहे हैं, पर सख्त कार्रवाई का निर्देश दिया है. हाइ कोर्ट खुद इस मामले की मॉनीटरिंग कर रहा है.
जांचघरों में निरीक्षण से संचालकों में हड़कंप : हाइ कोर्ट के निर्देश पर स्वास्थ्य विभाग द्वारा जांच टीम का गठन कर जांच घरों का निरीक्षण किया जा रहा है. फिलहाल हाजीपुर शहर में यह कार्रवाई की जा रही है. इस क्रम में सोमवार को शहर के जौहरी बाजार स्थित प्रसाद जांच घर का निरीक्षण किया गया. जांच टीम के वहां पहुंचने की जैसे ही जानकारी मिली, उस रोड के जांच घर संचालकों में हड़कंप मच गया. सभी अपना प्रतिष्ठान बंद कर फरार हो गये.
अपर मुख्य चिकित्सा पदाधिकारी डाॅ अमरनाथ झा के नेतृत्व में जांच दल में डीएलओ डाॅ सत्येंद्र प्रसाद सिंह, सीएस कार्यालय के चिकित्सा पदाधिकारी डाॅ अनिल कुमार शर्मा एवं सदर अस्पताल ब्लड बैंक के एमओआइसी डाॅ ठाकुर बलींद्र प्रसाद सिंह शामिल थे.
अभी तक 18 जांचघरों का हुआ निरीक्षण: स्वास्थ्य विभाग की टीम द्वारा शुरू की गयी कार्रवाई के दौरान अभी तक शहर के 18 जांच घरों का निरीक्षण किया गया है. इन सभी में मात्र तीन को ही निर्धारित मापदंड के अनुसार पाया गया. शेष 15 जांच घरों को निर्धारित मापदंड से संबंधित साक्ष्य प्रस्तुत करने के लिए नोटिस दिया गया है. इसके साथ ही ऐसे जांच घर जो मानकों को पूरा करते हैं,
उन्हें रजिस्ट्रेशन के लिए आवश्यक कागजात के साथ अविलंब आवेदन करने को कहा गया है. ऐसा नहीं करने पर कार्रवाई की चेतावनी दी गयी है. जहां-तहां खोले गये पैथोलॉजिकल क्लेक्शन सेंटरों को अविलंब बंद कर देने की हिदायत दी गयी है. नहीं बंद करने वालों पर प्राथमिकी दर्ज करायी जायेगी. जिन 15 जांच घरों का निरीक्षण किया गया है, उनमें शहर के हॉस्पिटल रोड स्थित कनक जांच घर, शिव जांच घर, हरि ओम जांच घर, एटलस जांच घर, गंगेश्वरी जांच घर, प्रिया जांच घर, केयर जांच घर आदि शामिल हैं.
जिले भर में मात्र 21 जांचघर ही हैं निबंधित : जिले में कुकुरमुत्ते की तरह खोले गये जांच घरों में 10 फीसदी भी रजिस्टर्ड नहीं हैं. जिला मुख्यालय हाजीपुर के अलावा महुआ, लालगंज, महनार, जंदाहा आदि बाजारों में ऐसे जांच घरों की कमी नहीं है, जो बिना निबंधन के अवैध रूप से चलाये जा रहे हैं.
जिले भर में ऐसे जांच घरों की संख्या पांच सौ से अधिक बतायी जाती है. इन अवैध जांच घरों में जांच की गुणवत्ता और प्रामाणिकता भी संदिग्ध हैं. चिकित्सकों से तय कमीशन के आधार पर इनका धंधा चल रहा है. इस तरह के जांच घर मरीजों से नाजायज पैसे तो ऐंठ ही रहे हैं, उनके स्वास्थ्य के साथ भी खिलवाड़ कर रहे हैं. स्वास्थ्य विभाग द्वारा दी गयी जानकारी के अनुसार जिले भर में निबंधित जांच घरों की संख्या मात्र 21 है. बाकी सभी अवैध ढंग से चल रहे हैं.
क्या कहते हैं अधिकारी
हाइ कोर्ट के आदेश पर पैथोलॉजिकल एवं डायग्नोस्टिक सेंटरों की जांच पड़ताल की जा रही है. अवैध रूप से चलाये जा रहे जांच घरों एवं क्लेक्शन सेंटर को बंद करने की हिदायत दी गयी है. ऐसा नहीं करने वालों पर प्राथमिकी दर्ज करायी जायेगी, जो जांच घर मानक के अनुरूप होंगे, उनका निबंधन किया जायेगा.
डाॅ अमरनाथ झा, एसीएमओ, वैशाली

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