हरिहरक्षेत्र हाजीपुर : कार्तिक पूर्णिमा पर हरिहरक्षेत्र के पवित्र गजेंद्र मोक्ष धाम कनहारा घाट समेत अनेक घाटों पर करीब 15 लाख लोगों ने स्नान कर पूजा-अर्चना की. कार्तिक पूर्णिमा स्नान के लिए राज्य के कोने-कोने से श्रद्धालुओं का हरिहर क्षेत्र में पहुंचने का सिलसिला देवोत्थान एकादशी से ही शुरू हो गया था.
मंगलवार की देर रात तक लाखों श्रद्धालुओं ने यहां के विभिन्न घाटों पर डेरा जमा लिया और जैसे ही रात के 12 बजे बाबा हरिहरनाथ के जयकारे के साथ संगम में डुबकी लगाने का सिलसिला शुरू हो गया. हे गोविंद राख्यो शरण अब तो जीवन हारे…की गूंज के साथ-साथ हर-हर बम-बम के जयघोष के साथ श्रद्धालुओं के डूबकी लगाने का क्रम बुधवार को देर शाम तक जारी था.
यहां हाजीपुर के कौनहारा घाट, सीढ़ी घाट, बालादास मठ घाट, कबीर मठ घाट, क्लब घाट, हजुरी मठ घाट, कलेक्ट्रियट घाट, जुडिसियरी घाट, पुराना पुल घाट, कदम घाट, चित्रगुप्त घाट, नया पुल घाट के अलावा सोनपुर के बाबा हरिहर नाथ घाट, काली घाट, गजेंद्र मोक्ष घाट, साधु गाछी घाट, पुल घाट सहित अन्य स्न्नान घाटों पर लाखों श्रद्धालुओं ने स्नान के साथ ऐतिहासिक बाबा हरिहर नाथ मंदिर और अन्य मठ मंदिरों में पूजा-अर्चना की.
कार्तिक पूर्णिमा स्नान के अवसर पर देश के विभिन्न हिस्सों से जुटनेवाले श्रद्धालुओं की सहायता और सुविधा के लिए प्रशासनिक तौर पर व्यापक प्रबंध किये गये थे. हाजीपुर नगर पर्षद की ओर से रोशनी, पानी, कपड़ा बदलने का अस्थायी घर, पीने के पानी का नल, घाटों पर बांस-बल्ले से बेरिकेडिंग तथा साफ-सफाई की व्यवस्था की गयी थी.
नदी में मोटर वोट से प्रशिक्षित गोताखोरों की गश्त लगायी जा रही थी. वहीं नाव व नाविक दल तैनात किये गये थे. स्नान घाटों के अलावा घाटों तक पहुंचने वाले पथों में भी जगह-जगह दंडाधिकारी के नेतृत्व में पर्याप्त पुलिस बल लगाये गये थे, जबकि सैकड़ों स्काउट एवं गाइड स्वयं सेवक श्रद्धालुओं की सहायता और भीड़ नियंत्रण का कार्य कर रहे थे. मेला नियंत्रण कक्ष से वरीय अधिकारी विधि-व्यवस्था का नियंत्रण करते रहे.