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प्रो सतीश हत्याकांड. एक आरोपित की हो चुकी है हत्या
हाजीपुर : पुलिस मास्टरमाइंड आमोद राय को पकड़ने में अब तक कामयाब नहीं हुई है. वह हत्याकांड के बाद से ही भूमिगत है. सतीश हत्याकांड में तीन लोगों को आरोपित किया गया था. लेकिन पुलिस किसी को गिरफ्तार नहीं कर पायी है. इसी बीच एक आरोपित की हत्या कर दी गयी. पुलिस ने आरोपितों के […]
हाजीपुर : पुलिस मास्टरमाइंड आमोद राय को पकड़ने में अब तक कामयाब नहीं हुई है. वह हत्याकांड के बाद से ही भूमिगत है. सतीश हत्याकांड में तीन लोगों को आरोपित किया गया था. लेकिन पुलिस किसी को गिरफ्तार नहीं कर पायी है. इसी बीच एक आरोपित की हत्या कर दी गयी. पुलिस ने आरोपितों के घर की कुर्की भी कर ली. मगर किसी आरोपित को कोर्ट में पेश कराने में पुलिस कामयाबी नहीं हो सकी.
राज उगलने से पहले ही मर्डर : बताया जा रहा है कि प्रो सतीश हत्याकांड का राज मरकडेय राय को पता था. तीनों आरोपितों में सबसे पहले उसने ही सरेंडर करने को तैयार हुआ था. सरेंडर करने की बात सामने आते ही उसकी हत्या कर दी गयी थी. पुलिस की मानें तो इस दोहरे हत्याकांड को अंजाम देने के लिए आमोद राय ने ही प्लान बनाया था. बताया जा रहा है कि सतीश की हत्या पैसा हड़पने और मरकडेय की हत्या राज छुपाने के लिए की गयी थी.
मरकडेय का सरेंडर के दिन ही मिला था शव : प्रो सतीश की हत्या में संलिप्त मरकडेय राय रविवार को हाजीपुर एसडीपीओ के समक्ष आत्मसर्मपण करने को तैयार हुआ था. मगर जिस दिन सरेंडर करना था, उसी दिन सुबह में समस्तीपुर स्टेशन पर मरकडेय राय का शव मिला था. वहीं, इस मामले के दो अन्य आरोपित आमोद राय व जगदीश राय अभी भी फरार हैं. बताया जा रहा है कि इन तीनों की मिलीभगत से सतीश की हत्या की गयी थी.
तीनों ले रखे थे प्रोफेसर से पैसा : पुलिस अनुसंधान में यह खुलासा हुआ है कि आमोद राय, जगदीश राय एवं मरकडेय राय ने सतीश कुमार से ब्याज पर रुपये लिये थे. मगर समय पर वापस नहीं करने के कारण विवाद बढ़ता गया. प्रो सतीश की हत्या के बाद पुलिस ने उनकी डायरी की जांच की, तो इन तीनों के नाम उसमें लिखे थे. हत्या के दिन भी आमोद राय ने ही सतीश को वैशाली ले गया था.
कहां और कैसे हुई थी हत्या : 10 नवंबर, 2014 की सुबह में आमोद राय ने सतीश को घर से बुला कर ले गया था. उसी दिन में करीब ढाई बजे वैशाली के पौनी हसनपुर गांव के समीप प्रो सतीश की गोली मार कर हत्या कर दी गयी. इसके बाद प्रोफेसर की पत्नी ने इस मामले की प्राथमिकी दर्ज करायी थी.
क्या करते थे सतीश चौरसिया : गंगा ब्रिज थाने के सहदुल्लापुर गांव निवासी प्रो सतीश कुमार ब्याज पर पैसे लगाने का कारोबार करते थे. इसके अलावा वे अपने चचेरा मामा एवं जदयू के पूर्व जिलाध्यक्ष देव कुमार चौरसिया के एक कॉलेज में प्राध्यापक भी थे. वे सुशील व मधुर विचार के थे. मगर, पैसे की खातिर उनकी हत्या कर दी गयी. हत्या के बाद आंदोलन भी हुआ था.
पुलिस कर रही अनुसंधान
हत्याकांड का अनुसंधान जारी है. एक आरोपित का शव मिलने के बाद मामला उलझ गया है. हालांकि पुलिस द्वारा सभी आरोपितों के खिलाफ कार्रवाई की जा रही है. प्रो सतीश हत्याकांड के आरोपित आमोद राय एवं जगदीश राय को पकड़ने के लिए पुलिस छापेमारी कर रही है.
चंद्रिका प्रसाद, एसपी, वैशाली
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