दरभंगा. जल संसाधन व सूचना एवं जनसंपर्क मंत्री संजय झा ने कहा कि दरभंगा में शिक्षा के विकास के लिए निजी विश्वविद्यालय की स्थापना आवश्यक है. कहा कि पटना के एमिटी यूनिवर्सिटी की स्थापना में उन्होंने पहल की थी. कहा कि उसके चेयरमैन चौहान साहब से बात की है. उन्हें आश्वासन दिया है कि निजी विश्वविद्यालय खोलने के लिए विभागीय सहयोग देंगे. वे दरभंगा में निजी विश्वविद्यालय खोलने के लिए तैयार हैं. शुक्रवार को महाराजा लक्ष्मीश्वर सिंह मेमोरियल कॉलेज में आयोजित सम्मान समारोह में मंत्री संजय झा बोल रहे थे. मैथिली में मंत्री पद की शपथ लेने पर उन्हें संस्थान ने सम्मानित किया है.
मंत्री संजय झा ने कहा कि विद्यापति के नाम पर दरभंगा हवाई अड्डा हो इसके लिए सदन से अनुशंसा के साथ प्रस्ताव केंद्र सरकार को भेज दिया गया है. उम्मीद है कि केंद्र सरकार भी इसे निश्चित रूप से स्वीकार करेगी. कहा कि इससे विद्यापति के नाम को विस्तार मिलेगा, जो मिथिला के लोगों के लिए गौरव की बात होगी.
मंत्री ने कहा कि हवाई अड्डा की स्थापना में दरभंगा महाराज के योगदान को भुलाया नहीं जा सकता. उनके नाम पर भले ही हवाई अड्डा का नामकरण नहीं हो सका, परंतु राज्य सरकार इसकी भरपाई करने की सोंच रही है. कम से कम हवाई अड्डा पर महाराज की प्रतिमा लगे अथवा किसी टर्मिनल का नाम महाराज के नाम पर हो सके, यह प्रयास किया जाएगा.
मंत्री ने कहा कि हवाई अड्डा कैसे बन सका, इसके लिये मुझे कितना कुछ करना पड़ा, यह मिथिला के लोगों से छुपा नहीं है. यहां हवाई अड्डा होगा यह यहां के लोग सोंच भी नहीं रहे थे. एक समय था, जब यहां हवाई अड्डा बनाने की हम चर्चा करते थे, तो यहां के लोग बात को हंसी में उड़ा देते थे. कहा कि बड़ा लक्ष्य हासिल करने के लिये बड़ा सपना देखना चाहिए. बड़ा सपना देखने का ही नतीजा यहां हवाई अड्डा बनना है.
कहा कि पावर कभी किसी के पास स्थाई नहीं रहता. वह आता जाता रहता है, लेकिन किया गया कार्य हमेशा के लिये अमर हो जाता है. कहा कि हवाई अड्डा के स्थापित हो जाने से मिथिला क्षेत्र का सर्वांगीण विकास होगा. नये उद्योग स्थापित होने की संभावना बढ़ेगी. रोजगार के नए अवसर उपलब्ध होंगे. आर्थिक विकास में वृद्धि होगी. मिथिला को जानने की रुचि रखने वाले लोगों का आना जाना होगा. मिथिला की धरोहर, परंपरा एवं संस्कृति का विकास होगा.
कहा कि हवाई अड्डा की सुरक्षा की जिम्मेदारी राज्य पुलिस बल को ही दी जाएगी. इसके लिये अलग से बिहार मिलिट्री फोर्स इकाई का गठन होगा. इसका उपयोग जाम की समस्या से निदान दिलाने में भी किया जाएगा. कहा कि यह कानून लाया जा चुका है. बंगाल, उत्तर प्रदेश एवं मध्य प्रदेश में यह कानून पहले से है. अब इसे बिहार में भी लागू किया जा रहा है. काफी तैयारी के साथ सदन में इस प्रस्ताव को लाया गया.
मंत्री ने कहा कि पद के अनुकूल कार्य करने की जिम्मेदारी बड़ी बात होती है. यह बात मुख्यमंत्री नीतीश कुमार में कूट कूट कर भरी है. जो काम करता है, लोगों की अपेक्षा उसी से रहती है. यही स्थिति नीतीश कुमार के साथ भी है. उनके द्वारा लिया जाने वाला कोई भी निर्णय अलोकतांत्रिक नहीं होता है.
मंत्री ने कहा कि विकास की यह किरण केवल शहर तक सीमित नहीं है, बल्कि गांव गांव तक पहुंच चुकी है. बिहार के गांव की स्थिति भी पहले से बहुत ज्यादा बदली है. सुदूर क्षेत्रों में पहुंचना काफी सुलभ हो गया है. गांव में भी 22-23 घंटे निर्बाध रुप से बिजली सप्लाई हो रही है. गांव गांव तक पहुंच चुकी सडक एवं पावर सप्लाई के कारण चार-पांच वर्षों में लोग शहर से गांव की ओर माइग्रेट करने लगेंगे. उन्होंने भारत बंद आंदोलन को सिरे खारिज करते हुए कहा कि रास्ते में अगर कोई रुकावट होती तो वे तीन घंटे में पटना से दरभंगा कैसे पहुंच पाते.
कहा कि मिथिला पर अटल जी का बहुत बड़ा ऋण है. बात भाषा की हो अथवा मिथिला के अन्य विकास की. अष्टम अनुसूची में शामिल होने के बाद मैथिली का इतना विस्तार हुआ कि अब बिहार, झारखंड, हरियाणा, यूपी, एमपी सहित अन्य राज्यों के छात्र-छात्रा भी यूपीएससी में मैथिली विषय रखकर आइएएस जैसी उच्चस्थ प्रतियोगिता परीक्षा पास कर रहे हैं.
यूपीएससी परीक्षा की तैयारी करने वाले अधिकांश छात्र-छात्रा वोकैबलरी मजबूत करने के दृष्टिकोण से द हिंदू अखबार नियमित पढ़ते हैं. अब उस स्तर के अखबारों में भी मैथिली की तैयारी करवाने वाले इंस्टिट्यूट का विज्ञापन निकलता है. कहा कि मिथिला एवं मिथिलाक्षर के विकास के लिए जो मुझ से बन पड़ा सहयोग करने से पीछे नहीं हटा.
Posted by Ashish Jha