सुपौल : मजदूर दिवस जिसे मई दिवस के रूप में जाना जाता है. भले ही इसकी शुरुआत वर्ष 1886 में अमेरिका से हुई. लेकिन वर्तमान समय में भारत समेत विश्व के 80 देशों में मनाया जाता है. भारत में मजदूर दिवस कामकाजी लोगों के सम्मान में मनाया जाता है. भारत में लेबर किसान पार्टी ऑफ हिंदुस्तान ने एक मई 1923 को मद्रास में इसकी शुरुआत हुई थी.
हालांकि उस समय में इसे मद्रास दिवस के रूप में मनाया जाता था. जो कलांतर में मजदूर दिवस के रूप में मनाये जाने लगा. जिला मुख्यालय में इस अवसर पर जहां कई तरह के कार्यक्रम आयोजित किये गये. वाहिद फाउंडेशन के तत्वावधान में महादलित समुदाय के बच्चों को जहां श्रम कानून के प्रावधानों, क्रियान्वयन व शिक्षा अधिकार के नियमों की जानकारी प्रदान करने के लिए जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किये गये. वहीं मांगों के समर्थन में हड़ताल पर गये शिक्षकों ने जिला मुख्यालय की सड़कों पर झाड़ू लगा कर अपना विरोध प्रकट किया.
मजदूर दिवस पर बच्चों को किया गया जागरूक: मजदूर दिवस के मौके पर वाहिद फाउंडेशन के तत्वावधान में सोमवार को महादलित समुदाय के लोगों विशेष कर महिलाओं व बच्चों को जागरूक करने के लिए कार्यक्रम का आयोजन किया गया. मौके पर श्रम कानून के प्रावधानों, क्रियान्वयन व 06 से 14 वर्ष तक के बच्चों को शिक्षा के अधिकार नियमों की जानकारी दी गयी. कार्यक्रम में फाउंडेशन के सचिव मुमताज बेगम व शिक्षाविद् देवनारायण यादव ने लोगों को श्रम कानून व शिक्षा के मौलिक अधिकार के बारे में अवगत कराया.
साथ ही राज्य सरकार द्वारा निजी व गैर सहायता प्राप्त विद्यालयों में अनुसूचित जाति, जनजाति, ओबीसी विकलांग, अनाथ, एलजीबीटी व आर्थिक रूप से कमाजोर वर्ग के बच्चों का 25 प्रतिशत नामांकन सुनिश्चित करने के लिए जागरूकता प्रदान किया गया.
मजदूर दिवस के अवसर पर नियोजित शिक्षकों ने अपनी मांगों के समर्थन में सोमवार को शहर के गांधी मैदान से लेकर लोहियानगर चौक तक झाड़ू लगाकर अपना विरोध प्रकट किया. संघ के सदर प्रखंड सचिव पुष्प राज के नेतृत्व में आयोजित झाड़ू लगाओ कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य सरकार के प्रति अपनी नाराजगी व्यक्त करनी थी. मौके पर जिला उपाध्यक्ष सह राघोपुर प्रखंड अध्यक्ष विकास कुमार एवं जिला उपाध्यक्ष मो खुर्शीद आलम ने कहा कि सुपौल जिला के नियोजित शिक्षक माननीय सुप्रीम कोर्ट के न्यायादेश “समान काम का समान वेतन” को लागू करवाने को लेकर हड़ताल पर हैं.
मौजूद संघ के सदस्यों ने कहा कि हमलोगों की हालात मौजूद दौरा में मजदूरों से बदतर है. ऐसे में अपनी मांग को रखने के लिए मजदूर दिवस से बेहतर दिन कोई नहीं हो सकता. इसलिए शिक्षकों ने अपनी मांग को रखने के लिए शहर की सड़कों पर झाड़ू लगाकर अपना विरोध जताया. मौके पर रामसेवक यादव, सत्यम सिंह, संजीव कुमार सिंह उर्फ़ संजय, प्रमोद पासवान, अतुल आनंद, रामचंद्र पासवान, राजीव रंजन भारती, मो अंजार आलम, रामधारी शर्मा, विवेकानंद झा,
प्रशांत पाठक, रश्मि कुमारी, संजय यादव, जवाहर पासवान, मो समीउल्लाह, उमेश, विनय झा, अनिल कुमार कामत, मनोज कुमार, गणेश प्रसाद यादव, अभय कुमार गुप्ता, सत्यनारायण राम, अरविंद राम, बिपिन झा, राजेश मांझी, मो सईद, मो नसीम, मो नियाज़ अहमद, नीरज पासवान आदि मौजूद थे.