सुपौल : देश के वित्त मंत्री पी चिदंबरम द्वारा सोमवार को संसद में पेश अंतरिम बजट पर लोगों ने भिन्न-भिन्न प्रतिक्रियाएं दी है. कुछ लोगों ने बजट को हितकारी तो कई लोगों ने गरीब व किसान विरोधी कहा.
वहीं अधिकांश लोगों ने यूपीए सरकार के इस अंतिम बजट को शुद्ध रूप से चुनावी बजट करार दिया. कांग्रेस के जिलाध्यक्ष राज नारायण प्रसाद गुप्ता ने वर्ष 2014-15 के इस बजट को शानदार बताते कहा कि टीवी, फ्रीज, मोबाइल, साबुन जैसी उपयोगी चीजें सस्ती होंगी. सेना में एक रैंक-एक पेंशन व शिक्षा ऋण पर ब्याज मुक्ति का निर्णय सराहनीय है.
भाजपा जिलाध्यक्ष नागेंद्र नारायण ठाकुर ने इसे शुद्ध चुनावी बजट बताते कहा कि यूपीए सरकार के 10 वर्षो के शासनकाल से लोग ऊब चुके हैं. कांग्रेस की यह विदाई का बजट है. इसमें गरीब, मध्यमवर्गीय व किसानों की भारी उपेक्षा की गयी है. जदयू जिलाध्यक्ष रामविलास कामत ने बजट को गरीब व किसान विरोधी करार दिया. उन्होंने कहा कि बजट में बिहार को विशेष पैकेज नहीं देकर बिहारवासियों को छला गया है. इसका परिणाम कांग्रेस को आगामी चुनाव में भुगतना पड़ेगा.
राजद जिलाध्यक्ष यदुवंश कुमार यादव ने बजट पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते कहा कि यह यूपीए का सरकारी बजट प्रतीत होता है. इसमें गरीब व सामान्य वर्ग के लिये कोई प्रावधान नहीं है और ना ही बिहार के हित की बात की गयी है. उन्होंने इसे गरीब विरोधी बजट बताया. समाजवादी पार्टी के जिलाध्यक्ष देव नारायण यादव ने बजट पर मिश्रित प्रतिक्रिया दी.
कहा कि टैक्स में कमी, छात्र व बेरोजगारों के लिये नौकरी के अवसर जैसे मुद्दे पहले उठाना चाहिए था. अंतिम समय में इस प्रकार की घोषणा चुनावी वादों का लालच प्रतीत होता है. आम आदमी पार्टी के जिला संयोजक गणोश प्रसाद ठाकुर ने कहा कि यह बजट देश हित नहीं बल्कि कांग्रेस हित में है. बजट को चुनावी बताते हुए उन्होंने कहा कि बजट में आर्थिक सुधार की सोच नहीं है. पब्लिक विजिलेंस कमेटी के सचिव अनिल कुमार सिंह ने बजट को बेकार बताते कहा कि बजट में निमA व मध्य वर्ग की उपेक्षा की गयी है. वहीं आयकर में छूट नहीं देने से सरकारी सेवकों का नुकसान हुआ है. कहा कि बजट में बेरोजगार व महिलाओं के लिए कोई ठोस नीति नहीं है.
राजद के प्रदेश महासचिव प्रो राजेंद्र प्रसाद यादव ने बजट में सेना के पेंशन व आवश्यक वस्तुओं के कर में कमी की तारीफ की. साथ ही किसान व बिहार की उपेक्षा का आरोप भी लगाया. कहा कि यह कांग्रेस का बजट नहीं बल्कि चुनावी मेनीफेस्टो है.