अनौपचारिक शिक्षा संघ की बैठक में विभिन्न मुद्दों पर हुई समीक्षा, कई बिंदु पर चर्चा
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एकजुट होकर अपना हक व अधिकार मांगें
अनौपचारिक शिक्षा संघ की बैठक में विभिन्न मुद्दों पर हुई समीक्षा, कई बिंदु पर चर्चा सुपौल : नीय जिला कांग्रेस कार्यालय परिसर में रविवार को अनौपचारिक सह विशेष शिक्षा संघ के सदस्यों की एक बैठक संपन्न हुई. प्रखंड अध्यक्ष अशोक कुमार यादव की अध्यक्षता में आयोजित बैठक को संबोधित करते हुए संघ के जिलाध्यक्ष शत्रुघ्न […]
सुपौल : नीय जिला कांग्रेस कार्यालय परिसर में रविवार को अनौपचारिक सह विशेष शिक्षा संघ के सदस्यों की एक बैठक संपन्न हुई. प्रखंड अध्यक्ष अशोक कुमार यादव की अध्यक्षता में आयोजित बैठक को संबोधित करते हुए संघ के जिलाध्यक्ष शत्रुघ्न प्रसाद यादव ने कहा कि सरकार द्वारा कई दशक पूर्व शिक्षा व्यवस्था को बेहतर बनाने के लिए ग्रामीण क्षेत्रों में शिक्षा केंद्र की स्थापना की गयी. साथ ही ऐसे केंद्रों पर सुपरवाइजर व इंस्ट्रक्टर को मानदेय पर कार्यरत किया गया था. लेकिन समय – समय पर सरकार की नीति बदलते रहने के कारण इस कार्य से जुड़े सभी सदस्यों को सेवा से मुक्त कर दिया गया था.
बताया कि अपनी हक की लड़ाई को लेकर संघ के सदस्यों ने न्यायालय का दरबाजा खटखटाया. श्री यादव ने कहा कि यह काफी खुशी का पल है कि न्यायालय द्वारा शिक्षा से जुड़े सदस्यों के प्रति निर्णय दिया गया. लेकिन न्यायालय द्वारा पारित आदेश के अनुरूप विभाग द्वारा कार्य नहीं किया जा रहा है. जिस कारण अब समय आ गया है कि हमसभी एकजुट होकर अपना हक व अधिकार प्राप्त करें. मौके पर उपस्थित प्रतिभागियों ने बैठक को समस्या गिनाते हुए कहा कि वे सभी न्यायालय के आदेश के अनुरूप ससमय विभाग को आवेदन दिया है.
लेकिन विभाग तीन महत्वपूर्ण आदेश यथा प्रतिभागियों को कोर्ट में दायर परिवाद के रहने, वर्ष 2011 को निरंतर तीन वर्ष तक का सेवा रहने सहित अन्य मसले के आधार पर समायोजन किये जाने की बातें कह रही है. प्रतिभागियों ने बैठक को यह भी बताया कि पूर्व में ग्राम कमेटी द्वारा शिक्षा प्रशिक्षकों की नियुक्ति दो वर्षों के लिए किया जाता था. साथ ही कुछ वर्षों के उपरांत केंद्र को बंद कर दिया गया. वहीं बाद के दिनों में विशेष शिक्षा केंद्र खोला गया. वे भी कुछ दिनों के बाद कतिपय कारणों से बंद कर दिया गया. ऐसे में इस केंद्र से जुड़े सभी सदस्य बेरोजगार हो गये.
बताया कि ऐसी परिस्थिति में निरंतर तीन वर्षों की सेवा कुछ गिने चुने प्रतिभागियों का ही हो सकता है. जबकि न्यायालय द्वारा पारित निर्णय कुछ और है. बैठक को रामचंद्र कामत, अवध नारायण यादव, महेंद्र साह, हरि नारायण यादव, सूर्य नारायण यादव, हरि लाल कामत, योगेंद्र ठाकुर, उपेंद्र प्रसाद यादव, सत्येंद्र प्रसाद यादव, महेंद्र प्रसाद यादव, राम चरित्र मेहता, अर्चना कुमारी, चंद्र मोहन यादव सहित अन्य ने भी संबोधित किया. मौके पर दर्जनों अनुदेशक उपस्थित थे.
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