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ग्रामीणों की मरजी से होगा गांव का विकास

ग्रामीणों की मरजी से होगा गांव का विकास योजना तैयार करने में ग्रामीणों की राय भी ली जायेगीफोटो-9कैप्सन – मीडिया को संबोधित करते डीएमप्रतिनिधि, सुपौल ग्रामीण विकास विभाग के तत्वावधान में जिले में 10 जनवरी से 12 फरवरी के बीच सघन सहभागी नियोजन अभ्यास आइपीपीइ कार्यक्रम का आयोजन किया जायेगा. राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन, मनरेगा […]

ग्रामीणों की मरजी से होगा गांव का विकास योजना तैयार करने में ग्रामीणों की राय भी ली जायेगीफोटो-9कैप्सन – मीडिया को संबोधित करते डीएमप्रतिनिधि, सुपौल ग्रामीण विकास विभाग के तत्वावधान में जिले में 10 जनवरी से 12 फरवरी के बीच सघन सहभागी नियोजन अभ्यास आइपीपीइ कार्यक्रम का आयोजन किया जायेगा. राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन, मनरेगा एवं पंचायती राज विभागों के सहयोग से आयोजित इस कार्यक्रम के तहत जिले के प्रत्येक पंचायत स्थित दो वार्डों में प्रतिदिन विभाग द्वारा निर्धारित कार्यक्रम के अनुरूप नियोजन अभ्यास कार्यक्रम चलेगा. कार्य की निगरानी के लिए जिला एवं प्रखंड स्तर पर अनुश्रवण कोषांग का गठन किया गया है. यह बातें जिला पदाधिकारी बैद्यनाथ यादव ने शनिवार को अपने कार्यालय वेश्म में आयोजित क्रय सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहीं. डीएम श्री यादव ने बताया कि आइपीपीइ-टू का मूल उद्देश्य राज्य ग्रामीण विकास के लिए योजना तैयार करना है. इसमें प्रत्येक ग्रामीण की सहभागिता होगी. योजना तैयार करने में ग्रामीणों की राय भी ली जायेगी, ताकि उनकी जरूरतों के मुताबिक योजनाओं का चयन किया जा सके. श्री यादव ने बताया कि गत वर्ष आईपीपीई – वन का आयोजन किया गया था. लेकिन इसके तहत केवल मनरेगा का श्रम बजट तैयार किया गया. जबकि आईपीपीई – टू के तहत ग्रामीण विकास और पंचायती राज विभाग के साथ अभिसरण किया गया है. जिससे ग्रामीण विकास से जुड़ी योजनाओं का ग्राम सभा से स्वीकृति प्राप्त कर लागू किया जा सके. उन्होंने बताया कि योजना के तहत दो वर्षीय और पांच वर्षीय दीर्घ कालिक योजना तैयार की जायेगी. योजना के कार्यान्वयन हेतु पंचायत स्तर पर प्रखंड नियोजन दल का गठन किया गया है. जिसमें पंचायत सचिव, तकनीकी सहायक, रोजगार सेवक, आवास सहायक, कृषि सलाहकार, जीविका मित्र, सामुदाय संसाधन सेवी, विकास मित्र व आंगनबाड़ी सेविका शामिल होंगे. दल को नियोजन अभ्यास के लिए प्रशिक्षित किया जा चुका है. डीएम ने बताया कि योजना में एनआरएलएम, मनरेगा, दीन दयाल उपाध्याय कौशल विकास योजना, इंदिरा आवास योजना, एनएसएपी, ग्राम पंचायत विकास कार्यक्रम, समाज कल्याण, लोक स्वास्थ्य अभियंत्रण जैसे प्रमुख कार्यक्रमों का समावेश किया गया है. बताया कि भारत सरकार के ग्रामीण विकास मंत्रालय के निर्देश पर पूरे देश के कुल 25 सौ प्रखंडों में इसकी शुरुआत करनी है. मानव विकास सूचकांक के आधार पर बिहार के तीन सौ प्रखंडों को चिह्नित किया गया. हालांकि मुख्यमंत्री के साथ हुए विमर्श के बाद इस कार्यक्रम को बिहार के सभी 534 प्रखंडों में लागू किया जा रहा है. जिलाधिकारी ने योजना को आम ग्रामीणाें के लिए हितकारी बताते हुए इसके प्रचार प्रसार पर बल दिया. इस अवसर पर उप विकास आयुक्त हरिहर प्रसाद, डीपीएम अमर शेखर पाठक आदि उपस्थित थे.

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