अवैध रुप से संचालित हैं कई कोचिंग संस्थान, छात्र हो रहे है गुमराह अवैध रूप से चल रहे कोचिंग संस्थानों पर अंकुश लगाने के लिए जांच टीम गठित होगी गठितसरकारी शिक्षास्तर गिरने से निजी कोचिंग संस्थानों की कट रही चांदीप्रतिनिधि, निर्मली सरकार के लाख कोशिशों के बावजूद अनुमंडल मुख्यालय में कुकुरमुत्ते की तरह कोचिंग सेंटर खोले जा रहे है. नगर के विभिन्न मुहल्लों व मुख्य मार्ग में लगा लुभावना बैनर-पोस्टर कोचिंग संस्थानों की हकीकत बयान कर रहा है. सरकारी शैक्षणिक संस्थानों में शिक्षा के गिरते स्तर की वजह से आज प्राइवेट तौर पर चलाये जा रहे शैक्षणिक संस्थानों की तरफ छात्र आकर्षित हो रहे है. लेकिन लगातार बढ़ रहे इन शैक्षणिक संस्थानों की वजह से अब छात्र यह निर्णय नहीं ले पा रहे है कि आखिर नामांकन करावें तो किस कोचिंग संस्थान में यह एक ऐसा सवाल है जिसका जवाब छात्रों को नहीं मिल रहा है. जिसका मुख्य वजह है जगह-जगह कोचिंग का खुल जाना. साथ ही इन संस्थानों द्वारा छात्रों को आकर्षित करने के लिए कई लोक लुभावन बैनर-पोस्टर लगाये जाते हैं. छात्र लाचार हो कर इन संस्थानों की गिरफ्त में आ कर अपना भविष्य दाव पर लगा देते हैं. लगातार बढ़ रहे प्राइवेट कोचिंग संस्थानों की बाढ़ के कारण छात्र यह निर्णय नहीं ले पाते हैं कि किस कोचिंग सेंटर में नामांकन करवाया जाय. अभिभावकों की माने तो प्राइवेट कोचिंग संस्थानों में छात्रों का नामांकन उनकी मजबूरी है. क्योंकि सरकारी शैक्षणिक संस्थानों में शिक्षा का स्तर काफी गिर चुका है. लोगों का कहना है कि आज कल प्रतियोगिता परीक्षाओं में इतना ज्यादा कंपीटीशन हो गया है कि साधारण पढ़ाई से छात्र कुछ नहीं कर सकता. और जिस तरह की सरकारी संस्थानों में पढ़ाई होती है. उससे तो छात्र का भविष्य अधर में लटकना तय है. लोगों का कहना है कि सबसे ज्यादा परेशानी कोचिंग सेंटर के चयन में होती है कि क्योंकि इतने ज्यादा कोचिंग खुल गये हैं कि यह निर्णय कर पाना बहुत कठिन होता है. सबसे ज्यादा परेशानी तो छात्रों के भविष्य को लेकर है. कही गलत कोचिंग में नामांकन करवा दिया. तो हो सकता है कि छात्र का भविष्य प्रभावित हो. भाग-दौड़ की जिंदगी में अभिभावक भी बच्चों के बेहतर शिक्षा के लिए कोचिंग में नामांकन की बात तो करते है लेकिन उन्हें यह नहीं पता कि कोचिंग छात्र के भविष्य को कहा लेकर जा रहा है. हालांकि सरकार प्राइवेट स्तर पर चलाये जा रहे कोचिंग संस्थानों पर नकेल कसने के लिए कड़े कानून अवश्य बनाये है. लेकिन धरातल पर उसका कुछ खास फायदा लोगों को मिलता नजर नहीं आ रहा है. जिसके कारण छात्र से लेकर अभिभावक तक चल रहे इस अवैध शिक्षा के कारोबारियों का शिकार हो रहे है. इस बाबत पूछे जाने पर अनुमंडल पदाधिकारी अरूण कुमार सिंह ने बताया कि सरकार के निर्देश के आलोक में अवैध रूप से चल रहे कोचिंग संस्थानों पर अंकुश लगाने के लिए जांच टीम गठित कर कार्रवाई की जायेगी.
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अवैध रुप से संचालित हैं कई कोचिंग संस्थान, छात्र हो रहे है गुमराह
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