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आधी आबादी ने दिया सुरक्षा पर जोर

सुपौल : लोकतंत्र के महापर्व मनाने का समय समीप आ चुका है. मताधिकार को लेकर कोसी इलाके की महिलाएं भी सजग है. वो गुजरे जमाने की बात थी जब इस पुरुष प्रधान समाज की अधिकांश महिलाओं के निरक्षर रहने के कारण उन्हें अपने अधिकार के बारे में कुछ जानकारी ही नहीं थी और ना समाज […]

सुपौल : लोकतंत्र के महापर्व मनाने का समय समीप आ चुका है. मताधिकार को लेकर कोसी इलाके की महिलाएं भी सजग है. वो गुजरे जमाने की बात थी जब इस पुरुष प्रधान समाज की अधिकांश महिलाओं के निरक्षर रहने के कारण उन्हें अपने अधिकार के बारे में कुछ जानकारी ही नहीं थी और ना समाज के लोगों द्वारा उन्हें हक के बारे में बताया जाता था.

लेकिन समय, परिस्थिति व सोच के बदलने के साथ ही अब महिलाएं नये समाज के निर्माण की भूमिका में अहम स्थान निभा रही है. चूल्हा चौका से लेकर दफ्तर तक निष्ठा के साथ अपना कर्तव्य का निर्वहण कर रही है.

संविधान के 73 वें 74 वें संशोधन के बाद से ही महिलाएं कई चुनावों की स्थिति व जन प्रतिनिधियों द्वारा किये जा रहे वायदे को गंभीरता के साथ देखती रही है. इन दिनों चुनाव को लेकर उम्मीदवारों द्वारा कार्यकर्ता की टोली के साथ घर -घर भ्रमण किया जा रहा है. जहां महिला मतदाता उम्मीदवारों को परख रही हैं. साथ ही मिथिलांचल की परंपरा अनुसार आगत अतिथि का बेहतर तरीके से स्वागत भी करती है.

इस दौरान महिला मतदाता सभी उम्मीदवारों को अपना वोट उनके पक्ष में दिये जाने का आश्वासन भी दे रही हैं. जिस कारण सभी प्रत्याशी अपने आपको विजयी होने की बात भी कर जाते है. वहीं उम्मीदवारों के जाने के उपरांत आस पड़ोस के महिला मतदाता के बीच काना फूसी प्रारंभ हो जाता है. इस दौरान महिलाएं इस बात पर ज्यादा जोर दे रही हैं कि प्रत्याशी द्वारा चुनावी मौके पर किन – किन समस्याओं पर ध्यान दिया जा रहा है. वहीं आधी आबादी के लिए क्या- क्या वादे किये जा रहे हैं.

जन प्रतिनिधि व सरकार के गठन को लेकर प्रभात खबर द्वारा ली गयी राय शुमारी के दौरान महिला मतदाताओं अपना – अपना विचार रखा. कुमली देवी ने कहा कि लोकतंत्र में सभी वोटरों को मत देने का अधिकार प्राप्त है. जन प्रतिनिधि को भारतीय लोकतंत्र का सम्मान करते हुए विकास की बात करनी चाहिए. महिलाओं की सुरक्षा पर भी विशेष ध्यान देने की आवश्यकता है. संजना सिंह का मानना है कि जन प्रतिनिधियों को महिलाओं के हित में कार्य करना चाहिए, ताकि महिलाओं की स्थिति बेहतर हो सके. कहा कि चुनाव के दौरान उम्मीदवार घर – घर भ्रमण करते हैं, लेकिन चुनाव जीतने के बाद किय वादे तो दूर,

क्षेत्र की स्थिति से अवगत होना भी मुनासिब नहीं समझते. ममता देवी ने कहा कि जन प्रतिनिधियों को समावेशी विकास कर क्षेत्र की तरक्की करने पर ध्यान देना चाहिए. महिलाओं में प्रतिभाओं की कमी नहीं है. उन्हें आगे बढ़ाने के लिए विशेष योजनाएं चलानी चाहिए. सरोज कुमारी ने कहा कि जिस तरीके से चुनाव में महिला मतदाताओं की वोट को निर्णायक माना जाता है. इसी प्रकार जन प्रतिनिधियों को महिलाओं के निमित्त विकासात्मक कार्य करने चाहिए. रजनी झा ने कहा कि कोसी का इलाका काफी पिछड़ा है. चुनाव के दौरान इस बात की चर्चा सभी उम्मीदवार करते हैं. पर, सत्ता पाने के बाद इस मुद्दे से भी विमुख हो जाते हैं.

जन प्रतिनिधि को क्षेत्रीय विकास पर विशेष ध्यान देने की आवश्यकता है. खास कर महिलाओं के लिए उच्च शिक्षा सुलभ हो इस पर विशेष ध्यान देने की आवश्यकता है. रेणु कुमारी ने कहा कि सुपौल को जिला बने ढाई दशक से अधिक का समय हो चुका है. बावजूद इसके मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध नहीं है. जन प्रतिनिधियों को चाहिए कि अत्याधुनिक सुविधा उपलब्ध करायें, ताकि आम लोगों को कठिनाई का सामना न करना पड़े. साधना देवी कहती हैं कि जन प्रतिनिधियों को चाहिए कि क्षेत्र के लोगों को स्वरोजगार उपलब्ध करायें. ताकि स्थानीय लोगों के साथ ही महिलाओं की भी आर्थिक स्थिति मजबूत हो सके. सुमन कुमारी ने कहा कि सरकार ऐसी बने, जो संपूर्ण राज्य की तरक्की करने की योजना बनाये. साथ ही समय – समय पर जन प्रतिनिधि के क्रियाकलापों की जानकारी ले.

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