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भक्त जनों ने की आरोग्य देवी मां कालरात्रि की आराधना

सुपौल : नवरात्र के आश्विन शुक्ल पक्ष के सप्तमी तिथि को जिले भर के श्रद्धालुओं ने मां दुर्गा के काल रात्रि स्वरूप की विधिवत पूजा अर्चना किया. मां काल रात्रि को आरोग्य की देवी भी माना जाता है. सोमवार को भक्तजनों ने ‘ जय त्वं देवी चामुण्डे- जय भूतार्ति हारिणी, जय सर्व गते देवी कालरात्रि […]

सुपौल : नवरात्र के आश्विन शुक्ल पक्ष के सप्तमी तिथि को जिले भर के श्रद्धालुओं ने मां दुर्गा के काल रात्रि स्वरूप की विधिवत पूजा अर्चना किया. मां काल रात्रि को आरोग्य की देवी भी माना जाता है. सोमवार को भक्तजनों ने ‘ जय त्वं देवी चामुण्डे- जय भूतार्ति हारिणी, जय सर्व गते देवी कालरात्रि नमोस्तुते ‘ मंत्रोच्चार के साथ रोगनाशिनी माता का आराधना किया.

आयोजन समिति द्वारा मंदिर परिसर में कराये जा रहे दुर्गा सप्तशती के पाठ को सुनने हेतु भक्तजनों की काफी भीड़ जुट रही है. साथ ही मंत्र के उच्चारण से आस पास का वातावरण भक्ति मय हो रहा है. वहीं ग्रामीण क्षेत्रों में भी घर- घर विद्व जनों द्वारा दुर्गा सप्तशती का पाठ कराया जा रहा है. पट खुलते ही उमड़ी भीड़सोमवार को माता का पट खुलते ही मंदिरों में श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ पड़ी. मंदिर के पुजारियों द्वारा नौ प्रकार के पत्ते पर मैया का पूजा अर्चना किया गया.

इसके उपरांत श्रद्धालुओं ने माता का विभिन्न स्तुति कर आराधना किया. साथ ही भक्त जनों ने मंदिरों में घंटा बजा कर मैया के जयकारे लगाये. इस दौरान बच्चों में काफी उत्साह का माहौल देखा गया. भक्ति रस से हुए सराबोर स्थानीय गांधी मैदान स्थित सार्वजनिक दुर्गा मंदिर परिसर में पूजा समिति द्वारा हिमाचल प्रदेश से आये कलाकार विरेश मैत्रेय द्वारा राम कथा का संगीतमय प्रस्तुति कराया जा रहा है. जहां जगमग – जगमग ज्योत जगे हैं सहित अन्य प्रस्तुति से भक्त जन सराबोर हो रहे हैं.

राम कथा में सैकड़ों श्रद्धालु शामिल हुए. प्रवचन के उपरांत मैया की आरती की गयी. दी जाती है छाग बलिशारदीय नवरात्र को भक्त जनों द्वारा अलग – अलग तरीके से मनाये जाने की परंपरा रही है. त्योहार के मौके पर अधिकांश मंदिरों में माता को छाग की बलि देकर भोग लगाया जाता है. जबकि कई स्थानों पर माता के स्वरूपों की पूजा वैष्णवी रूप से की जाती है.

मुख्यालय स्थित बड़ी दुर्गा मंदिर, माल गोदाम, सदर प्रखंड के सुखपुर, परसरमा, बरूआरी, बरैल, वीणा, लोकहा, हरदी, निर्मली सहित दर्जनों स्थान पर छाग की बलि दिये जाने की परंपरा रही है. उक्त मंदिरों में आस पास के ग्रामीण क्षेत्रों श्रद्धालुओं द्वारा अष्टमी व नवमी तिथि को छाग की बलि देकर चढ़ावा किया जाता है.

त्योहार पर रावण बद्ध का आयोजन मुख्यालय के गांधी मैदान स्थित सार्वजनिक दुर्गा मंदिर परिसर में पूजा समिति द्वारा विजया दशमी के मौके पर कई दशक से रावण बद्ध का आयोजन कराया जाता रहा है. जिसे लेकर पूजा समिति द्वारा राक्षस राज रावण, कुंभकर्ण व मेघनाद का आकर्षक पुतला बनवाया जा रहा है.

रावण बद्ध को देखने के लिए दूर दराज के क्षेत्रों से सैकड़ों की संख्या में स्थानीय गांधी मैदान पहुंचते है. लोगों की भीड़ को कार्यक्रम में परेशानी का सामना ना हो. इसके लिए आयोजन समिति द्वारा विशेष तैयारी की जा रही है.

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