अध्यक्षता महिला थानाध्यक्ष प्रेम लता भूपाश्री ने की. श्रीमती भूपाश्री ने कहा कि नारी जननी है, लेकिन जिन्हें जन्म दिया जाता है, उन्हीं के हाथों वह शोषित है. अच्छे-बुरे की पहचान की नसीहत देते हुए कहा कि मनु स्मृति में भी लिखा है कि पुरुष कितना भी निकट संबंधी हो, अकेले में नहीं मिलना चाहिए. छात्रओं को बचाव का टिप्स देते हुए कहा कि आज के समय में भरोसे के लायक कोई नहीं होता है.
ऐसे में चिकनी-चुपड़ी बातों से बहकावे में नहीं आयें. सगे-संबंधी ही सबसे बड़े शोषक होते हैं, जिनसे बचने की जरूरत है. इसके अलावा अगर कोई शारीरिक शोषण करे, तो तत्काल उसका विरोध करना चाहिए. अपनी समस्याओं को अपनी मां के साथ साझा करें, क्योंकि मां ही सबसे बेहतर मित्र होती है. मोबाइल फोन के इस्तेमाल में भी सावधानी बरतें. सेल फोन पर बातचीत में संयम बरतें. मौके पर प्रभारी प्राचार्य आरएन ठाकुर, राजेश प्रसाद, ममता सिंह, सुमन कुमार, महिला हेल्पलाइन की परियोजना प्रबंधक प्रतिभा कुमारी आदि थे.