फोटो-09,10कैप्सन- प्रवचन करते संत व उपस्थित श्रद्धालुकिसनपुर. जिस प्रकार जल के बिना जीवन, मां के बिना बच्चे, स्वाति-नक्षत्र के बिना पपीहा व जल के बिना मछली का जीवन अधूरा रहा जाता है, ठीक उसी प्रकार भक्ति के बिना मानव का जीवन भी अधूरा है. यह बातें मौजहा स्थित सुबेश्वरनाथ मंदिर परिसर में गुरुवार को साध्वी प्रसन्ना भारती ने प्रवचन के दौरान कही. उन्होंने कहा कि जिस तरह गंदगी को साफ करने हेतु पानी की आवश्यकता होती है, उसी तरह मानव के मन की शुद्धि भक्ति-भाव से होती है. साध्वी ने कहा कि भक्ति विज्ञान एक प्राचीनतम प्रक्रिया है. जिसमें प्रत्येक नर-नारी अपने देह रूपी शिवालय के अंदर शिव का साक्षात्कार कर सकते हैं. इसके लिए गुरु का सानिध्य आवश्यक है. कहा कि सिर्फ बाहरी कर्मकांड व तथाकथित संतों के बखान से पूर्ण भक्ति की प्राप्ति नहीं हो सकती. सभी धर्म के लोग इसके लिए अलग-अलग प्रक्रिया को अपनाते हैं. प्रवचन कार्यक्रम में चौहट्टा, फूलकाहा, रतनपुरा, दुबियाही, दिघिया, सुजानपुर, बरहरा, सिसवा सहित प्रखंड क्षेत्र के अन्य गांवों से बड़ी संख्या में श्रद्धालु शामिल हो रहे हैं. डीलर सुरेंद्र प्रसाद यादव व ललन मुखिया के नेतृत्व में आयोजित कार्यक्रम में ग्रामीणों द्वारा भरपूर सहयोग दिया जा रहा है.
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भक्ति के बिना मानव जीवन है अधूरा : संत
फोटो-09,10कैप्सन- प्रवचन करते संत व उपस्थित श्रद्धालुकिसनपुर. जिस प्रकार जल के बिना जीवन, मां के बिना बच्चे, स्वाति-नक्षत्र के बिना पपीहा व जल के बिना मछली का जीवन अधूरा रहा जाता है, ठीक उसी प्रकार भक्ति के बिना मानव का जीवन भी अधूरा है. यह बातें मौजहा स्थित सुबेश्वरनाथ मंदिर परिसर में गुरुवार को साध्वी […]
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