फोटो-12केप्सन- पटना से आयी सामग्रीप्रतिनिधि, सुपौल सदर प्रखंड के बाल विकास परियोजना कार्यालय परिसर में शनिवार को उस समय अजीबोगरीब स्थिति पैदा हो गयी जब वाटर फिल्टर, माप-तौल मशीन आदि सामग्री लेने पहंंुंची आंगनबाड़ी सेविकाओं ने पटना से ट्रक पर लद कर आये सामग्रियों की गुणवत्ता पर सवाल उठाये. हालांकि बाल विकास परियोजना पदाधिकारी डॉ रश्मि रानी ने सेविकाओं पर सामान लेने के लिए दबाव बनाया लेकिन सेविकाओं ने अपना इरादा नहीं बदला. अंतत: समान लदे ट्रक को वापस लौटना पड़ा. क्या है सरकारी आदेश आइसीडीएस के निदेशक नीलम गुप्ता ने अपने 30 जुलाई 2014 तथा 05 सितंबर 2014 को सूबे के सभी डीपीओ को लिखे पत्र विभिन्न सामग्रियों की खरीद के लिए दिशा- निर्देश दिया है, जिसमें स्पष्ट तौर पर गुणवत्ता की चर्चा करते हुए सामान का आइएसआइ मार्का युक्त होना आवश्यक बताया है. पत्र में कहा गया है कि गड़बड़ी पाये जाने पर सारी जिम्मेवारी क्रेता की होगी. नियमानुसार सामान आइएसआइ मार्का नहीं होने की स्थिति में कम से कम आइएस 7402 मार्का होना चाहिए. गुणवत्ताविहीन थी सामग्री शनिवार को प्रखंड के सभी सेविकाओं को सीडीपीओ डॉ रश्मि द्वारा कार्यालय सामग्री खरीदने के लिए बुलाया गया. लेकिन जो सामग्री दी जा रही थी वह मानक के अनुरूप नहीं थी. वाटर फिल्टर आइएसआइ मार्का नहीं था. वयस्क तौल मशीन की लंबाई और चौड़ाई भी मानक से काफी कम था. इन्ही बातों को लेकर सेविकाओं द्वारा सामग्री लेने से इनकार कर दिया गया. पटना से विभाग द्वारा सामग्री भेजी गयी थी. विरोध की वजह से सामग्री को वापस कर दिया गया. गुणवत्ता की उन्हें कोई जानकारी नहीं है. रमेश कुमार ओझा, डीपीओ सुपौल
गुणवत्ताविहीन सामग्री पर सेविकाओं ने जताया विरोध, वापस लौटी सामग्री
फोटो-12केप्सन- पटना से आयी सामग्रीप्रतिनिधि, सुपौल सदर प्रखंड के बाल विकास परियोजना कार्यालय परिसर में शनिवार को उस समय अजीबोगरीब स्थिति पैदा हो गयी जब वाटर फिल्टर, माप-तौल मशीन आदि सामग्री लेने पहंंुंची आंगनबाड़ी सेविकाओं ने पटना से ट्रक पर लद कर आये सामग्रियों की गुणवत्ता पर सवाल उठाये. हालांकि बाल विकास परियोजना पदाधिकारी डॉ […]
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