वीरपुर : कोशी नदी का जलस्तर मंगलवार को 75 हजार क्यूसेक पहुंच गया. बाद अवधि कि शुरुआत 15 जून को हुई और कोशी ने हलचल शुरू कर दी. जल स्तर में वृद्धि के साथ ही कोशी में बहकर आने वाले लकड़ी को पकड़ने के लिये क्या बच्चे, क्या बूढ़े, क्या जवान सभी कूद पड़े. खतरनाक तरीके से बांस के लग्गी के सहारे नदी में बहकर आने वाले लकड़ी को अपनी ओर खींचने लगे. कभी कभी लग्गी को लकड़ी ही खिचने लगती है और लोग बहते पानी में गिर पड़ते है. गत 02 साल पूर्व रतनपुर पंचायत के पिपरही वार्ड नंबर 02 की 40 वर्षीया महिला इसमें अपनी जान गंवा चुकी है.
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कोसी का जलस्तर बढ़ा, नहीं हो रही बांध की सुरक्षा
वीरपुर : कोशी नदी का जलस्तर मंगलवार को 75 हजार क्यूसेक पहुंच गया. बाद अवधि कि शुरुआत 15 जून को हुई और कोशी ने हलचल शुरू कर दी. जल स्तर में वृद्धि के साथ ही कोशी में बहकर आने वाले लकड़ी को पकड़ने के लिये क्या बच्चे, क्या बूढ़े, क्या जवान सभी कूद पड़े. खतरनाक […]
घटना पूर्वी कोशी तटबंध के 10 किलोमीटर के पास घटी थी. तब प्रशासन सजग हुई थी एवं होम गार्ड के जवानों को इसकी रोकथाम के लिये लगाया था. मंगलवार को पूर्वी कोशी तटबंध के 11.70 किलोमीटर स्पर के पास बड़ी संख्या में बच्चे, महिलाएं एवं जवान लकड़ी पकड़ने में लगे थे. उनको जान की कीमत पर लकड़ी पकड़ने से रोकने के लिये कोशी अथवा बाढ़ अवधि में पदस्थापित होम गार्ड का कोई जवान उपस्थित ही नहीं था.
गौरतलब है कि 15 जून से ही बाढ़ अवधि की शुरुआत हो गयी. लेकिन तटबंध पर देखभाल करने वाले ना कोई होमगार्ड के जवान आये ना ही किसी भी स्थल पर प्रकाशीय व्यवस्था की गयी. जो बाढ़ पूर्व बेहतर तैयारी के विभाग के दावे पर सवाल खड़ा करता है. समय पर लाइटिंग की व्यवस्था क्यों नहीं हो पाई एवं तटबंध पर बाढ़ अवधि में पदस्थापित होम गार्ड के जवान ने कहा हैं. इस संबंध में ईई पूर्वी तटबंध इंद्रजीत सिंह का कहना था कि चलान विलंब से कटा दो दिनों के भीतर होमगार्ड के जवान पहुंच जायेंगे. रोशनी की भी व्यवस्था हो रही है.
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