वीरपुर : कोसी नदी क्षेत्र में बड़े पैमाने पर बालू की अवैध निकासी कर खतरे को आमंत्रित किया जा रहा है. जबकि विभाग और प्रशासन मौन हैं. मालूम हो कि कोसी नदी को तटबंध से दूर धकेलने के लिये करोड़ों की लागत से पायलट चैनल एवं परकोपाइन आदि का निर्माण किया जाता है.
ताकि नदी के साथ ही बाढ़ का खतरा भी तटबंध से दूर रहे. वहीं दूसरी ओर स्थानीय दबंगों के द्वारा जबरन कोसी नदी से भारी मात्रा में जेसीबी और हाइवा के माध्यम से बालू की निकासी की जा रही है.
पूर्वी कोसी तटबंध के 15.50 किलोमीटर के ठीक सामने कोसी नदी की तलहटी में दर्जनों ट्रैक्टर व आधा दर्जन हाइवा मशीन के माध्यम से प्रतिदिन भारी मात्रा में बालू निकाला जा रहा है. जबकि प्रशासन ने कोसी नदी से बालू निकासी पर पूर्ण रूप से प्रतिबंध लगा रखा है. बावजूद प्रशासन की उदासीनता के कारण प्रत्येक दिन सैकड़ों ट्रेलर बालू निकासी की जा रही है.
ट्रैक्टर, जेसीबी व हाइवा निकाल रहे बालू
गौरतलब है कि पूर्वी कोसी तटबंध का 15.50 किलोमीटर हिस्सा पहले से ही संवेदनशील रहा है. यहां और इसके आसपास के स्परों पर विश्व बैंक और पूर्वी कोसी तटबंध प्रमंडल के द्वारा प्रतिवर्ष निविदा निकालकर इसे मजबूत करने के लिए कार्य कराये जाते हैं.
इस कार्य में अरबों की राशि खर्च होती है. मंगलवार को जब कोसी नदी से बालू निकाला जा रहा था तो पूछने पर ट्रैक्टर, हाइवा व जेसीबी चालकों ने बताया कि यह पूरा काम शत्रुघन यादव का है और उन्हीं के द्वारा बालू निकासी की जा रही है.
यह बालू तटबंध के ऊपर बाढ़ पूर्व कटाव निरोधक कार्यों के लिए सीमेंट की बोरियों में बालू भरने और इंडो-नेपाल सड़क पर चौड़ीकरण के रूप में इस्तेमाल किया जा रहा है. मालूम हो कि पूर्व में कोसी से बालू निकाले जाने पर बालू सहित करीब डेढ़ दर्जन से अधिक ट्रैक्टर को एसएसबी 45 वीं बटालियन के टेढ़ी बाजार बीओपी के जवानों के द्वारा जब्त किया गया था.
कटाव निरोधी कार्य में अरबों रुपये होते हैं खर्च
पूर्वी कोसी तटबंध पर बीते कई वर्षों से कोसी नदी का दबाव जारी है. कटान निरोधक कार्यों एवं बाढ़ के दौरान यहां अरबों की राशि खर्च कर तटबंध के मजबूतीकरण का प्रयास किए जाता रहा है.
नदी को सेंट्रलाइज करने एवं तटबंध पर दबाव घटाने को लेकर प्रतिवर्ष पूर्व से बने पायलट चैनल को एक्टिवेट किया जाता है. लेकिन आश्चर्य की बात है कि इतने बड़े पैमाने पर बालू की निकासी की जा रही है, लेकिन जल संसाधन विभाग, एसएसबी और स्थानीय पुलिस न जाने किस कारण से चुप्पी साधे हुए हैं.
कहते हैं अधिकारी
इस संदर्भ में जब पूर्वी तटबंध प्रमंडल कार्यपालक अभियंता इंद्रजीत कुमार सिंह से पूछा गया तो उन्होंने कहा कि यह स्थानीय प्रशासन का काम है. इसमें रोक लगनी चाहिए. कई बार विभागीय स्तर से भी कार्रवाई की गयी है. लेकिन लोग मानने को तैयार नहीं है.
इंद्रजीत कुमार सिंह, कार्यपालक अभियंता, पूर्वी तटबंध प्रमंडल
अवैध बालू खनन के मामले की जांच की जायेगी. जांच के बाद उचित कार्रवाई किया जायेगा.
सुधांशु कुमार, जिला खनन पदाधिकारी, सुपौल