सुपौल : शहर के हर मुख्य मार्ग पर अवैध ऑटो पड़ाव संचालित किये जाने को लेकर नगर परिषद प्रशासन मौन बना हुआ है. नगर परिषद प्रशासन द्वारा प्रत्येक वर्ष ऑटो पड़ाव को लेकर डाक भी किया जाता है. जहां ऊंची बोली लगाने वाले संवेदक को ऑटो पड़ाव का डाक दिया जाता है. इस प्रक्रिया से […]
सुपौल : शहर के हर मुख्य मार्ग पर अवैध ऑटो पड़ाव संचालित किये जाने को लेकर नगर परिषद प्रशासन मौन बना हुआ है. नगर परिषद प्रशासन द्वारा प्रत्येक वर्ष ऑटो पड़ाव को लेकर डाक भी किया जाता है. जहां ऊंची बोली लगाने वाले संवेदक को ऑटो पड़ाव का डाक दिया जाता है. इस प्रक्रिया से नगर परिषद प्रशासन लाखों रुपये वसूल तो कर लेता है.
लेकिन आमलोगों का ख्याल उनके द्वारा नहीं रखा जाता. लिहाजा यात्री इधर-उधर भटक कर अपने गंतव्य के लिए ऑटो की सवारी करने पर मजबूर हैं. गौरतलब है कि ऑटो संवेदक के कर्मचारी के द्वारा संचालित अवैध ऑटो पड़ाव जहां से ऑटो खुलती है. वहां ऑटो चालकों से जहां तहां सड़कों पर टैक्स वसूला जाता है.
कहते हैं इओ
यह सुपौल की नहीं पूरे बिहार की समस्या है. पुलिस विभाग को इस दिशा में कार्रवाई करनी चाहिए. वैसे हमारी आेर से इस संबंध में कार्रवाई के लिए लिखा जायेगा. सड़क पर ऑटो खड़ी करने वाले चालकों का लाइसेंस भी जब्त किया जायेगा.
सुशील कुमार मिश्रा, कार्यपालक पदाधिकारी
विषाक्त एमडीएम खाने से चार दर्जन बच्चे बीमार
एमडीएम फर्जीवाड़े का मामला भी आया सामने
वहीं बीडीओ ममता कुमारी ने कहा कि प्रधान व रसोइया की स्पष्ट लापरवाही सामने आयी है. एमडीएम फर्जीवाड़ा का मामला भी सामने आया है. विद्यालय में 567 बच्चे नामांकित हैं. इसमें एमडीएम पंजी में 187 बच्चों की उपस्थिति दिखायी गयी थी, लेकिन 50 बच्चे ही विद्यालय में उपस्थित थे. एमडीएम पंजी को भी जब्त कर लिया गया है. कार्रवाई के लिए डीएम को लिखा जा रहा है.