आइसीएएस अधिकारी का शव दिल्ली पुलिस ने किया था बरामद
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पत्नी ने जितेंद्र का शव पहचाना, पैतृक घर में सन्नाटा
आइसीएएस अधिकारी का शव दिल्ली पुलिस ने किया था बरामद जितेंद्र की तलाश के लिए पुलिस ने प्रकाशित कराये थे विज्ञापन इसी शव को पहले परिजनों ने पहचानने से किया था इन्कार सुपौल : एचआरडी मिनिस्ट्री में कार्यरत फाइनेंशियल अधिकारी सदर प्रखंड निवासी जितेंद्र कुमार झा की मौत के बाद एक ओर जहां उनके पैतृक […]
जितेंद्र की तलाश के लिए पुलिस ने प्रकाशित कराये थे विज्ञापन
इसी शव को पहले परिजनों ने पहचानने से किया था इन्कार
सुपौल : एचआरडी मिनिस्ट्री में कार्यरत फाइनेंशियल अधिकारी सदर प्रखंड निवासी जितेंद्र कुमार झा की मौत के बाद एक ओर जहां उनके पैतृक गांव बभनगामा में लोग असमंजस व गमगीन स्थिति उत्पन्न है. वहीं दूसरी ओर उनके दिल्ली आवास द्वारका सेक्टर 09 शिवाली अपार्टमेंट में भी शोक की लहर जारी है. सगे-संबंधियों को समाचार जानने के लिये कोई कसर नहीं छोड़ रहे हैं. सोमवार को अचानक जितेंद्र के गायब होने के बाद उनके परिजनों द्वारा गुमशुदगी की सूचना दर्ज करायी गयी थी. जिसके बाद दिल्ली पुलिस इस घटना को संभालने के लिये छानबीन करते विज्ञापन द्वारा प्रकाशित कराया. इसके बाद धीरे-धीरे खबर आग की तरह फैल ही रहा था
कि उसी दौरान पालम पुलिस को रेलवे ट्रैक के पास शव रहने की जानकारी मिली. जहां पुलिस ने दक्षिण द्वारका पुलिस को अवगत कराया. पुलिस ने शव को जितेंद्र के रूप में पहचान की. साथ ही पुलिस द्वारा गुरुवार को परिवार के सदस्यों को बुलाकर शव को शिनाख्त कराया तो परिवार के सदस्यों द्वारा शव को पहचानने से इन्कार कर दिया.
शव की पहचान होते ही छाया मातम
इधर शुक्रवार को परिवार के सदस्य व मृतक की पत्नी उक्त शव को जितेंद्र का ही बताया. जिसके बाद सनसनी फैल गयी. सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक मेडिकल बोर्ड की टीम गठित की गयी है. जहां पोस्टमार्टम एवं डीएन जांच की बात चल रही थी. जिसके बाद ही खुलासा हो पायेगा. वैसे पुलिस के मुताबिक शव के पास सुसाइड नोट मृतक के द्वारा लिखा प्राप्त हुआ है. लेकिन सूत्रों का कहना है कि जबरन उनसे लिखाया गया तथा साक्ष्य को छुपाने के लिये षड़यंत्र रची गयी होगी. सूत्रों के मुताबिक शरीर का कई भाग गायब है. जिसे जांच के बाद ही कुछ कहना होगा. इधर, उनके गांव बभनगामा में रंधीर कुमार झा, विभाष झा, सोनू झा, सुशील झा, गुड्डू झा, चिक्कू आदि कई लोगों ने आइसीएएस जितेंद्र के बारे में जानकारी देते बताया कि वे एक इमानदार, कतर्व्यनिष्ठ अफसर में उनकी पहचान थी. लेकिन ईश्वर की ऐसी क्या विडंबना हो गयी, जो जितेंद्र को हम सबों से छीन कर अलग कर दिया. उधर, मां विमला देवी अपने बेटे के गम में बेहोश पड़ी हुई है. वहीं दिल्ली में आइएएस की पत्नी भावना को अपने पति के वियोग में रो-रोकर बुरा हाल है. साथ ही उनके दोनों बच्चे अपनी मम्मी से सवाल कर रट लगाए हुए हैं कि पापा कब आयेंगे. इधर, उनके पैतृक गांव बभनगामा में लोग टकटकी लगा कर आस लगाएं है. आखिर इस घटना की विराम कहां होगी.
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