सुपौल : करोड़ों की लागत से एमएमजीएस योजना अंतर्गत निर्माण कराये गये पीडब्लूडी सड़क तीन वर्ष बाद ही जगह-जगह टूटने लगी है. इस समस्या को 14 नवंबर को प्रभात खबर ने ‘यह सड़क तो हड्डी बजा देती है!’ शीर्षक से खबर प्रकाशित होने के बाद संवेदक हरकत में आये और आनन-फानन में मरम्मत कार्य शुरू […]
सुपौल : करोड़ों की लागत से एमएमजीएस योजना अंतर्गत निर्माण कराये गये पीडब्लूडी सड़क तीन वर्ष बाद ही जगह-जगह टूटने लगी है. इस समस्या को 14 नवंबर को प्रभात खबर ने ‘यह सड़क तो हड्डी बजा देती है!’ शीर्षक से खबर प्रकाशित होने के बाद संवेदक हरकत में आये और आनन-फानन में मरम्मत कार्य शुरू कराया. संवेदक द्वारा मरम्मत कार्य में घटिया सामग्री उपयोग करते देख ग्रामीण बिफर पड़े. साथ ही सोमवार को कार्य स्थल पर पहुंच मरम्मत कार्य को बंद करवा दिया.
मामला सदर अनुमंडल क्षेत्र स्थित हरदी पश्चिम पंचायत अंतर्गत इटहरी गांव से मोहन मंडल घर होते हुए वीणा जाने वाली सड़क की है. ग्रामीणों का कहना था कि जब तक विभागीय अधिकारी कार्य स्थल पर नहीं आएंगे तब तक संवेदक को कार्य करवाने नहीं दिया जायेगा. लोगों का कहना है कि संवेदक द्वारा इस सड़क के साफ- सफाई किये बिना ही मरम्मत का कार्य कराया जा रहा है. साथ ही इस कार्य में घटिया सामग्री का उपयोग किया जा रहा है. इतना ही नहीं सरकारी मानक को ताक पर रख गिट्टी में मिट्टी मिलाकर सड़क पर बिछाया जा रहा है. इस वजह से सड़क मरम्मत कार्य पर सवाल उठने लगा है.
कहते हैं ग्रामीण
सोमवार को धपरिया व बिसनपुर के ग्रामीणों ने मरम्मत कार्य स्थल पर पहुंच कर कार्य को बंद करवा दिया. ग्रामीण ब्रह्मदेव सिंह, अवध मंडल, दिगंबर चौधरी, नारायण मंडल, युवराज मंडल, देवनारायण मुखिया, हरेराम मुखिया, अंजनी सिंह, अखिलेश सादा, नेबेलाल मंडल, दिनेश मंडल, सुनील मुखिया, जेपी राठौर, लक्ष्मण कुमार, कुसुम लाल मंडल, गौनी राम, दुर्गी मंडल, छेदी मंडल, विमला देवी, अरूण सिंह, लालेश्वर मंडल, नीतीश सिंह, राहुल कुमार, गोविंद कुमार, अशोक मंडल, सीताराम राम, जय नारायण मंडल ने बताया कि इस सड़क से लाखों की आबादी जुड़ी है. इस वजह से सड़क इस क्षेत्र के लिए लाइफ लाइन माना जाता है. ऐसे में सरकारी आदेश संवेदक के लिए कोई मायने नहीं रखता है. कहा कि संवेदक द्वारा मरम्मती कार्य में घटिया सामग्री का उपयोग किया जा रहा था.