चिंता. कटाव से कई परिवार हो गये विस्थापित, स्परों पर दबाव बरकरार
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नेपाल में बारिश से कोसी उफान पर
चिंता. कटाव से कई परिवार हो गये विस्थापित, स्परों पर दबाव बरकरार नेपाल की पहाड़ी व तराई क्षेत्रों में बारिश होने से कोसी नदी उफान पर है. कोसी के जल स्तर में दिन-प्रतिदिन इजाफा हो रहा है. तटबंध पर पानी का दबाव बढ़ गया है. सुपौल : नेपाल के पहाड़ी क्षेत्रों में हो रही मूसलधार […]
नेपाल की पहाड़ी व तराई क्षेत्रों में बारिश होने से कोसी नदी उफान पर है. कोसी के जल स्तर में दिन-प्रतिदिन इजाफा हो रहा है. तटबंध पर पानी का दबाव बढ़ गया है.
सुपौल : नेपाल के पहाड़ी क्षेत्रों में हो रही मूसलधार बारिश का असर कोसी नदी के डिस्चार्ज पर देखा जा रहा है. भारतीय प्रभाग में गुरुवार को कोसी नदी का डिस्चार्ज सबसे अधिक ढाई लाख क्यूसेक को पार कर गया. नेपाल के पहाड़ी व तराई क्षेत्रों में भी बारिश होने से कोसी नदी उफान पर है. यहां तक कि बारिश के इस मौसम में माॅनसून का पारा चढ़ते ही कोसी के जल स्तर में रोज इजाफा दर्ज हो रहा है. बता दें कि कोसी नदी का इस वर्ष का अब तक का सबसे अधिक डिस्चार्ज 2 लाख 51 हजार 165 क्यूसेक गुरुवार की शाम चार बजे पहुंच गया, जो बढ़ने के क्रम में है.
इस बाबत पूछे जाने पर जल संसाधन विभाग वीरपुर के मुख्य अभियंता इंजीनियर प्रकाश दास ने बताया कि पूर्वी तटबंध के 19.92 के अप स्टीम और 20.70 के डॉन स्टीम में सीकिंग की प्रवृति बनी हुई है. बताया कि 64.95 व 78.60 स्थित स्पर के नोज पर किये गए क्रेटिंग की सीकिंग हुई हैं. जिससे पुनर्स्थापित कर लिया गया है. नेपाल प्रभाग के पूर्वी तटबंध के 23.52 किलो मीटर स्पर पर पानी का दबाव बना हुआ है. जिसके कारण आमजन के अलावा मवेशियों के चारा के लिए भी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है.
श्री दास ने बताया कि जहां कहीं भी तटबंधों पर आंशिक क्षरण हुआ था उसे पुनर्स्थापित कर लिया गया है. तटबंध पूरी तरह सुरक्षित है. कहा कि मात्र पूर्वी तटबंध के 64.95 किलो मीटर स्पर पर कोसी नदी का सामान्य से अधिक दबाव है.
कोसी नदी के जलस्तर में हो रहे उतार-चढ़ाव से विभागीय कर्मियों की एक बार फिर नींद उड़ने लगी है. मालूम हो कि बड़हरा पंचायत स्थित सिकरहट्टा-मझारी निम्न बांध स्पर संख्या 06 पर कोसी नदी एक बार फिर दबाव बनाना शुरू कर दिया है. जिससे लोगों में भय की स्थिति बनी हुई है. बीते दिनों बड़हरा पंचायत स्थित स्पर संख्या 9.40 पर कटाव निरोधी कार्य में लाखों रुपये खर्च कर सरकारी राशि को पानी की तरह खपाया गया. साथ ही विभागीय कर्मी मौके की तलाश में थे ही कि विभाग को सरकारी रुपये खर्च कर कागजी खानापूर्ति करने का मौका एक बार फिर मिल गया. बांध को सुरक्षित करने के लिए विभाग को लगभग 16 करोड़ रुपये दिया गया था. विभाग द्वारा उक्त राशि को आनन-फानन में खर्च कर कागजी खानापूर्ति कर सरकार को सुपुर्द कर दिया गया. वहीं लोगों का कहना है कि सरकारी राशि को गबन कर लिये जाने के लिए विभागीय कर्मी द्वारा सरकार के प्राक्कलन अनुरूप कार्य नहीं कराया गया. बताया कि बाढ़ आते ही विभाग द्वारा दूर-दूर से मिट्टी लाने व पेड़ की टहनी लाने के बहाने लाखों रुपये की गबन करना आम बात हो गयी. हालांकि इस बाबत पूछने पर छोटे से बड़े अधिकारी आरोपों को बेबुनियाद बताते हैं.
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