सुपौल : नगर परिषद के वार्ड नंबर 6 स्थित पासवान टोला में मंगलवार को चापाकल के पास बने गड्ढे में डूबने से एक बच्चे की मौत हो गयी. रामसेवक पासवान का तीन वर्षीय पुत्र सत्यम कुमार आंगनबाड़ी केंद्र संख्या 267 पर अपने बड़े भाई शुभम कुमार के साथ पढ़ने गया था. कुछ ही देर बाद आंगनबाड़ी केंद्र में चापाकल के
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आंगनबाड़ी केंद्र में पानी भरे गड्ढे में डूबने से तीन वर्षीय बालक की मौत
सुपौल : नगर परिषद के वार्ड नंबर 6 स्थित पासवान टोला में मंगलवार को चापाकल के पास बने गड्ढे में डूबने से एक बच्चे की मौत हो गयी. रामसेवक पासवान का तीन वर्षीय पुत्र सत्यम कुमार आंगनबाड़ी केंद्र संख्या 267 पर अपने बड़े भाई शुभम कुमार के साथ पढ़ने गया था. कुछ ही देर बाद […]
पास बने गड्ढे में किसी ने बालक के शव को देखा. इसकी सूचना परिजनों को दी गयी. घटना की सूचना पर पहुंचे परिजनों ने तत्काल बालक को सदर अस्पताल में भरती कराया. जहां चिकित्सकों ने बालक को मृत घोषित कर दिया. मृत बालक को लेकर परिजन घर वापस आ गये और घटना की सूचना सदर थाने को दी. सूचना पाकर मौके पर पहुंची सदर थाना पुलिस ने बालक के शव को पोस्टमार्टम के लिए सदर अस्पताल भेजा. मृतक सत्यम के पिता रामसेवक पासवान ने बताया कि घटना से कुछ देर पूर्व ही बड़े बेटे शुभम के साथ सत्यम को भी
आंगनबाड़ी केंद्र पर पहुंचाया था. जहां आंगनबाड़ी की सेविका व सहायिका भी मौजूद थी. इसके बाद वे किसी अन्य काम से बाजार चले गये थे. लेकिन कुछ ही देर बाद सत्यम के डूबने की सूचना मिली. मृतक सत्यम चार भाई-बहन में सबसे छोटा था. सत्यम की मौत के बाद परिवार में कोहराम मच गया है. मां सुनीता देवी का
आंगनबाड़ी केंद्र में…
रो-रो कर बुरा हाल है. जबकि पिता रामसेवक बेहोश होकर गिर जाते थे. वहीं घटना की सूचना मिलते ही वार्ड पार्षद अनोज कुमार आर्य ने घटना स्थल पर पहुंच कर परिजनों को ढ़ांढ़स बंधाया.
मौत को लेकर चर्चा का बाजार गरम
आंगनबाड़ी केंद्र 267 वार्ड नंबर छह स्थित कुलदीप पासवान के दरवाजे पर भाड़े के घर में संचालित है. चापाकल भी कुलदीप पासवान के आंगन में ही है. जबकि केंद्र से लगभग 15 फीट की दूरी पर चापाकल से निकलने वाले पानी के लिए गड्ढा बना हुआ है. इसी में डूबने से सत्यम की मौत हुई. लोग चर्चा कर रहे हैं कि आखिर सत्यम गड्ढा तक पहुंचा कैसे. जबकि आंगनबाड़ी सेविका व सहायिका वहां मौजूद थी. मृत सत्यम को सबसे पहले बगल स्थित पड़ोसियों ने ही देखा. लोग इस बात को लेकर चर्चा कर रहे हैं कि आखिर सत्यम अन्य बच्चे का साथ छोड़ कर गड्ढे तक कैसे पहुंच गया. सरकार के निर्देशानुसार केंद्र तक बच्चों को लाना व वापस घर पहुंचाने की जिम्मेदारी सहायिका की होती है. जबकि केंद्र पर बच्चों की देखरेख की सारी जवाबदेही सेविका व सहायिका की होती है. लोग सत्यम की मौत के लिए सेविका और सहायिका की भी लापरवाही बता रहे हैं.
नगर परिषद के वार्ड नंबर 6 स्थित पासवान टोला की घटना
केंद्र के अंदर चापाकल से कुछ ही दूरी पर था गड्ढा
मृतक सत्यम के शव का पोस्टमार्टम करा कर परिजनों को सौंप दिया गया है. घटनाक्रम की बारिकी से जांच की जा रही है. पुलिस सभी पहलू पर नजर रखते हुए अनुसंधान में जुटी है.
राजेश्वर सिंह, थानाध्यक्ष, सदर थाना, सुपौल
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