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बोलबम के नारों से गूंजेंगे शिवालय
तैयारी पूरी. सावन की पहली सोमवारी आज, श्रद्धालुओं में उमंग व उत्साह का माहौल श्रावण के पहली सोमवारी के दिन शिवालय में पूजा अर्चना को लेकर उमड़ने वाली भीड़ को नियंत्रित करने हेतु सदर प्रखंड स्थित श्रीश्री 108 बाबा तिल्हेश्वर नाथ, कपिलेश्वर महादेव सहित जिलेभर के देवालयों की कमेटी द्वारा तैयारियां पूरी कर ली गयी […]
तैयारी पूरी. सावन की पहली सोमवारी आज, श्रद्धालुओं में उमंग व उत्साह का माहौल
श्रावण के पहली सोमवारी के दिन शिवालय में पूजा अर्चना को लेकर उमड़ने वाली भीड़ को नियंत्रित करने हेतु सदर प्रखंड स्थित श्रीश्री 108 बाबा तिल्हेश्वर नाथ, कपिलेश्वर महादेव सहित जिलेभर के देवालयों की कमेटी द्वारा तैयारियां पूरी कर ली गयी है.
सुपौल : श्रावण के पवित्र महीने के आते ही शिवभक्तों में जहां भारी उत्साह और उमंग का माहौल है. श्रावण के पहली सोमवारी के दिन शिवालय में पूजा अर्चना को लेकर उमड़ने वाली भीड़ को नियंत्रित करने हेतु सदर प्रखंड स्थित श्रीश्री 108 बाबा तिल्हेश्वर नाथ, कपिलेश्वर महादेव सहित जिलेभर के देवालयों की कमेटी द्वारा तैयारियां पूरी कर ली गयी है. कमेटी द्वारा मंदिरों की साफ-सफाई, रंगाई, पुताई व मरम्मत का कार्य युद्धस्तर पर कराया गया. दूसरी ओर प्रसिद्ध श्रीश्री 108 बाबा तिल्हेश्वर नाथ बाबा का जलाभिषेक हेतु पहुंचने वाले कांवरियों द्वारा अपने वस्त्र, कांवर आदि बनाने में तल्लीन दिख रहे हैं.
श्रावण मास में इस बार पांच सोमवार : संयोगवश श्रावण मास में भगवान भोलेनाथ के प्रिय व उनके पूजा के लिये सबसे सर्वोत्तम दिन सोमवार इस बार पांच बार पड़ेंगे. साथ ही यह पवित्र महीना सोमवार से प्रारंभ होकर सोमवार को ही समाप्त हो रहा है. ऐसा माना जा रहा है कि इस बार भूत भावन भगवान शंकर भक्तों पर विशेष कृपा बरसाने वाली है, क्योंकि उन्होंने भक्तों को एक अतिरिक्त सोमवारी प्रदान कर उन्हें अपनी आराधना करने का मौका दिया है. श्रद्धालुओं का मानना है कि श्रावण मास में सोमवार के दिन भगवान शिव की पूजा व आराधना करने से सभी प्रकार की मनोकामनाएं पूर्ण होती है. इस मान्यता के पीछे ऐसा माना जाता है कि देवाधिदेव भगवान शंकर का जलाभिषेक करने से उनके गले में स्थित विष का प्रभाव ठंडा होता है और वे लोक कल्याण के प्रति उन्मुख हो जाते है. 10 जुलाई से शुरू होने जा रहा भगवान शिव का प्रिय माह सावन इस बार बेहद खास होगा. इसका वजह विशेष योग का बनना माना जा रहा है. दरअसल ये खास योग कई वर्षों के बाद ही बनता है.
निर्मली प्रतिनिधि के अनुसार सावन माह के आगमन व आषाढ़ माह के समापन के पर शिव भक्तों ने रविवार को प्रखंड व नगर क्षेत्र स्थित शिवालयों में जलाभिषेक कर पूजा अर्चना की. नगर के थाना परिसर स्थित शिव मंदिर, निर्मल बाबा स्थान के निकट स्थित शिवालय व मझारी स्थित बाबा कौशिकीनाथ महादेव मंदिर सहित अन्य शिवालयों में श्रद्धालुओं ने जलाभिषेक किया. बाबा कौशिकीनाथ मंदिर में शिवभक्तों ने कोसी नदी से जल भर कर कावर लेकर जलाभिषेक किया. इस दौरान महिलाओं, पुरुषों व बच्चों की भारी भीड़ मंदिर परिसर में देखी गयी. विशेषकर महिला श्रद्धालुओं की भारी भीड़ देखी गयी. सावन के आते ही नगर पंचायत क्षेत्र सहित प्रखंड क्षेत्र भक्तिमय नजर आने लगा है. वही पुलिस भी उचक्कों पर नजर रखी हुई है.
इन मंदिरों में विशेष तैयारी
उम्मीद की जा रही है कि जिले भर के शिवालयों में इस बार भारी संख्या में श्रद्धालुओं का तांता लगेगा. सदर प्रखंड के श्रीश्री 108 बाबा तिल्हेश्वर नाथ, कपिलेश्वर महादेव, राघोपुर प्रखंड के धरहारा स्थित भीमशंकर महादेव, किसनपुर प्रखंड के मलाढ़ गांव स्थित बाबा जागेश्वर नाथ सहित जिले के अन्य शिवालयों में सावन माह के सोमवारी पूजन को लेकर विशेष तैयारियां की जा रही हैं. साथ ही मंदिर परिसर में मेला का भी आयोजन रहेगा. ताकि श्रद्धालुओं को सहजता पूर्वक पूजन सामग्री उपलब्ध हो सके. मंदिर के पुजारियों ने बताया कि सोमवारी के मौके पर भक्तगण शिवालयों में भगवान शंकर के शिवलिंग और प्रतिमाओं पर भांग, बेलपत्र, धतूरा सहित अन्य सामग्रियों के साथ जलाभिषेक करेंगे. मंदिरों में उमड़ने वाली भीड़ को देखते हुए स्थानीय प्रशासन ने मंदिर परिसर में सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए हैं.
तीन सोमवार को सर्वार्थ सिद्धि योग
इस बार सावन माह में तीन सोमवार सर्वार्थ सिद्धि योग बन रहे हैं. पहला सोमवार सर्वार्थ सिद्धि योग में शुरू होगा और आखिरी सोमवार के सर्वार्थ सिद्धि योग में ही संपन्न भी होगा. पंडित निरंजन झा ने बताया कि सर्वार्थ सिद्धि योग का वक्त बेहद शुभ होता है. सर्वार्थ सिद्धि योग यानी अपने आप में सिद्ध. इस दिन की गई पूजा या हवन-यज्ञ का महत्व काफी अधिक होता है. उन्होंने बताया कि इस माह में रोटक व्रत भी काफी अहमियत मानी जाती है. श्रावण मास के प्रत्येक सोमवार (पांच सोमवार होने से रोटक व्रत कहलाते हैं) को भगवान शिव-पार्वती की प्रीति के लिए व्रत रखकर शिवजी की बेलपत्र, दूध, दही, चावल, पुष्प, गंगाजल सहित पूजा करने से मनोकामना पूरी होती है. सावन के प्रत्येक सोमवार को भगवान शिव के लिए व्रत और उनकी पूजा करने से उनकी विशेष कृपा होती है. आखिरी सोमवार को रक्षा बंधन रहेगा.
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