आस्था. नानीबाई रो मायरो कथा श्रवण को पहुंचे श्रद्धालु
सुपौल : ईश्वर के नाम से बड़ा सुख पूरे संसार में कहीं भी नहीं हैं. इनके नाम के उच्चारण मात्र से लोगों के सारे पाप नष्ट जो जाते हैं. बड़े ही पुण्य के फलों से कथा श्रवण करने का अवसर प्राप्त होता है. नानीबाई रो मायरो की कथा जो कोई मनुष्य सच्चे मन से श्रवण करता है उसे एक हजार बार गंगा स्नान का फल मिलता है. उक्त बातें वृंदावनधाम से पधारी राधा स्वरूपा राधाकिशोरी जी ने नगर परिषद क्षेत्र के व्यापार संघ भवन में कथा के दूसरे दिन गुरुवार को कही. राधाकिशोरी जी ने कथा प्रारंभ करते हुए भगवान श्रीकृष्ण के नरसी के घर आकर नरसी की बेटी की शादी में आए और मामा बनकर शादी की रस्म में इमली घुटायी की.
वहीं राधाजी ने कहा कि नरसी की बेटी के भाई बनकर भगवान ने बेटी को विदा भी किया. क्योंकि नरसी का बेटा नहीं था. इसलिए भगवान ने नरसी को वचन दिया था कि तुम्हारा बेटा व भाई बन कर तुम्हारे घर साथ में रहूंगा. फिर भगवान ने नरसी द्वारा लिखी हुंडी चुकाई और नरसी की बेटी का विवाह का भात की (कुंकु,चिट्ठी- पत्री) भगवान को दिया. भगवान ने उसे सहर्ष स्वीकार किया. इधर, यह मनोरम दृश्य स्थानीय बाल कलाकारों द्वारा मंचन किया गया. वहीं इस कार्यक्रम के आयोजक पवन अग्रवाल, रमेश मिश्र ने बताया कि शुक्रवार को कथा का समापन समारोह है. श्री अग्रवाल व श्री मिश्र ने ज्यादा-ज्यादा से संख्या में लोगों से कथा श्रवण कर अपने जीवन को धन्य करने की अपील की है. मौके पर रीता सरावगी, सरोज मोहनका, सुनीता अग्रवाल, पार्वती देवी, मनोहरी देवी आदि काफी संख्या में श्रद्धालु मौजूद थे.