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केशव अपहरण की नहीं सुलझी गुत्थी

सुपौल : बहुचर्चित केशव झा अपहरण कांड की गुत्थी सुलझाने में पुलिस अब तक विफल रही है. मामले को लेकर तरह-तरह की चर्चा हो रही है. चर्चा पर विश्वास करें तो जेल में बंद जिले के एक चर्चित अपराधी गिरोह के गुर्गो ने घटना को अंजाम दिया है. हालांकि पुलिस इस बात से इत्तेफाक नहीं […]

सुपौल : बहुचर्चित केशव झा अपहरण कांड की गुत्थी सुलझाने में पुलिस अब तक विफल रही है. मामले को लेकर तरह-तरह की चर्चा हो रही है. चर्चा पर विश्वास करें तो जेल में बंद जिले के एक चर्चित अपराधी गिरोह के गुर्गो ने घटना को अंजाम दिया है. हालांकि पुलिस इस बात से इत्तेफाक नहीं रखती है. लेकिन सूत्रों पर विश्वास करें तो जेल में बंद अपराधी के शह पर ही केशव का अपहरण हुआ है.

उक्त अपराधी के बारे में बताया जाता है कि जिले के एक चर्चित नेता का उसे आशीर्वाद प्राप्त है. इधर मिली जानकारी के मुताबिक परिजनों से 50 लाख की फिरौती भी मांगी गयी है. कारण जो भी रहा हो, फिरौती की बात को सभी के सभी अब तक परदे के अंदर दबाए हुए हैं. उल्‍लेखनीय है कि केशव झा 11 जून की शाम से लापता हैं. जिस दिन केशव लापता हुआ, उस दिन उसके चाचा का नखबाल था. वे खुद दिल्‍ली से जेनऊ के लिए अपने घर कमलपुर आया था. लापता होने के बाद उनके परिजनों ने पहले उसकी तलाश की. लेकिन जब उसका कोई पता नहीं चला, तब परिजनों ने पुलिस को आवेदन देकर लापता केशव को खोजने की गुहार लगायी.
लेकिन पिपरा पुलिस इस घटना को गंभीरता से नहीं लेते हुए परिजनों को झाड़ियों में केशव को खोजने की सलाह दी. जिससे आक्रोशित ग्रामीणों ने सड़क जाम कर आक्रोश का इजहार किया. ग्रामीण थानाध्यक्ष के तबादले की भी मांग कर रहे थे. खैर, केशव झा का 12 दिन बाद भी कोई सुराग नहीं मिल पाया है. इस अपहरण कांड के उद्भेदन के लिए पुलिस द्वारा सुपौल डीएसपी विद्यासागर और त्रिवेणीगंज डीएसपी चंद्रशेखर विद्यार्थी के नेतृत्व में दो टीम का गठन कर जगह-जगह छापेमारी की गयी. लेकिन अब तक हाथ कुछ भी नहीं लगा है.
हां, पुलिस ने प्रथम दृष्टया साक्ष्य के आधार पर तीन व्यक्ति को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया. बुधवार को पुलिस ने स्व हरिहर यादव के पुत्र सिकेन यादव, देवीपट्टी निवासी जहर यादव के पुत्र नरेश यादव तथा तेतराही निवासी विष्णुदेव तांती के पुत्र दिनेश तांती को जेल भेज दिया. दिनेश तांती के पास से अपहृत केशव का मोबाइल एवं सिम प्राप्त हुआ था.
जबकि सिकेन यादव व नरेश यादव वैज्ञानिक अनुसंधान के क्रम में अपहृत केशव के संपर्क में रहने का आरोप लगा है. मामला इसलिए भी गंभीर लग रहा है कि बीते कुछ महीने पूर्व ही केशव के परिजनों को एनएच 108 में उसकी अधिकृत जमीन के एवज में सरकारी राशि प्राप्त हुई है. इधर, भाजपा नेता सह पूर्व विधायक किशोर कुमार मुन्ना ने घटना की भर्त्सना करते हुए कहा है कि बिहार में फिरौती के लिए अपहरण का उद्योग फिर से फलने-फूलने लगा है. जब से नीतीश कुमार सत्ता के मोह में खुद को जंगलराज के जनक लालू प्रसाद के समाने समर्पण किया है, तब से बिहार की कानून व्यवस्था पूरी तरह बिगड़ गयी है. श्री मुन्ना ने कहा कि केशव झा अपहरण के मामले में डीजी से बात कर जल्द ही उसकी रिहाई सुनिश्चित करने का आग्रह किया है. जिस पर डीजी ने भरोसा दिया कि केशव के अपहरण की गुत्थी को सुलझाने के लिए वे खुद लगे हुए हैं और जल्द ही अपराधियों को पकड़ लिया जायेगा. बहरहाल, जो भी हो सच्चाई तो पुलिसिया अनुसंधान के बाद ही पता चल पायेगा. वैसे केशव के परिजनों सहित ग्रामीणों को अब पुलिस पर से भरोसा उठने लगा है. हालांकि, लोगों की नजर तेज तर्रार डीएसपी विद्यासागर पर टिकी हुई है. ग्रामीणों ने कहा डीएसपी के प्रयास से मामले का उद‍्भेदन हो सकता है. ग्रामीणों में थानाध्यक्ष शिव कुमार यादव के प्रति काफी आक्रोश व्याप्त है.

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