सीवान : रविवार की सुबह निर्मल ग्राम चांप पंचायत के ग्रामीणों का पुलिस के खिलाफ आक्रोश भड़क उठा और ग्रामीण सड़क पर उतर गये. सैकड़ों ग्रामीण चांप गांव के रेलवे गेट के समीप इकट्ठे हो गये तथा सराय थाने की पुलिस के खिलाफ जम कर नारेबाजी कर प्रदर्शन किया. ग्रामीण चांप गांव के समीप एनएच की बगल में लावारिस शव का दफनाने का विरोध कर रहे थे.
ग्रामीणों का कहना था कि इससे लोगों का राह चलना मुश्किल हो गया है. शव से बदबू निकलने के कारण महामारी फैलने की आशंका तेज हो गयी है. बदबू के कारण बच्चों ने स्कूल जाना छोड़ दिया है. प्रदर्शन करने के बाद ग्रामीणों ने इस संबंध में पुलिस अधीक्षक को एक आवेदन देकर चौकीदार अमरनाथ मांझी व उमेश सिंह को निलंबित करने की मांग की. ग्रामीणों ने आरोप लगाया है कि 30 मई को शव दफनाने आयी पुलिस का विरोध करने पर पुलिस ने प्रखंड प्रमुख सहित कई ग्रामीणों को आरोपित किया है.
ग्रामीणों ने पुलिस द्वारा किये गये मुकदमों को वापस लेने की मांग की. ग्रामीणों ने यह भी आरोप लगाया है कि तीन जून को चौकीदार व उमेश सिंह कुछ पुलिसकर्मियों के साथ आये तथा महिला मुखिया अजीता देवी के साथ अभद्रता की. ग्रामीणों ने पुलिस अधीक्षक से कहा है कि विभाग के पास अगर लवारिश शवों का अंतिम संस्कार करने को पैसे नहीं है,
तो हम ग्रामीण चंदा इकट्ठा कर दाह संस्कार में मदद करने के लिए तैयार हैं. इधर आरपीएफ इंस्पेक्टर को सूचना मिली कि रेल ट्रैक जाम करने के लिए ग्रामीण इकट्ठा हुए हैं. लेकिन, जब वे सशस्त्र बलों के साथ जब रेल गेट 90 पर पहुंचे, तो ऐसी बात नहीं थी. ग्रामीणों ने आरपीएफ इंस्पेक्टर को बताया कि हमलोग शंतिपूर्ण ढंग से पुलिस प्रशासन का विरोध कर रहे हैं.