सख्ती. नगर पर्षद में सामग्री खरीद में 3.87 करोड़ के गबन के आरोपितों की तलाश
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निगरानी टीम ने रात भर की छापेमारी
सख्ती. नगर पर्षद में सामग्री खरीद में 3.87 करोड़ के गबन के आरोपितों की तलाश सीवान : रविवार की रात पटना से आयी निगरानी अन्वेषण की टीम पूरी रात छापेमारी करती रही. नगर पर्षद में सोलर लाइट समेत विभिन्न सामग्रियों की खरीद में 3.87 करोड़ रुपये गबन के मामले में नगर पर्षद के वर्तमान सभापति […]
सीवान : रविवार की रात पटना से आयी निगरानी अन्वेषण की टीम पूरी रात छापेमारी करती रही. नगर पर्षद में सोलर लाइट समेत विभिन्न सामग्रियों की खरीद में 3.87 करोड़ रुपये गबन के मामले में नगर पर्षद के वर्तमान सभापति व पूर्व कार्यपालक पदाधिकारी समेत 14 लोग नामजद हैं. नगर निकाय चुनाव को लेकर चल रहे नामांकन की प्रक्रिया के दौरान ही निगरानी टीम के छापामारी से आरोपितों के होश उड़ गये हैं. निगरानी टीम की मौजूदगी के कारण हड़कंप मचा हुआ है.
हालांकि पूरी रात चली छापेमारी में किसी के गिरफ्तारी की पुष्टि नहीं हुई है. नगर पार्षद इंतखाब अहमद के द्वारा सामग्री खरीद के मामले में अनियमितता की शिकायत पर चली लंबी जांच के बाद निगरानी अन्वेषण टीम ने अपने पटना स्थित थाने में विगत जनवरी में प्राथमिकी दर्ज करायी थी. इसमें आइपीसी की धारा 420, 406, 409, 467, 468, 120 बी, भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम 1988 की धारा 13 (2), 13(1) (सी), (डी) के तहत सभापति बबलू प्रसाद, तत्कालीन कार्यपालक पदाधिकारी राजीव रंजन प्रकाश, उपसभापति कर्णजीत सिंह, सभासद अनुराधा देवी, अभिनव श्रीवास्तव, अविनाश कुमार सिंह, अब्दुल खालीक, सुनीता देवी, किरण देवी, आपूर्तिकर्ता प्रमोद कुमार, संदीप कुमार बथानी, वीरेंद्र कुमार चौबे, हर्षवर्धन सिंह, रितेश आनंद को आरोपित किया है.
मुकदमा दर्ज होने के बाद लगातार आरोपितों की गिरफ्तारी से निगरानी टीम बचती रही थी. निगरानी अन्वेषण टीम की दलील थी कि मात्र मुकदमा दर्ज करने भर से आरोपितों की गिरफ्तारी नहीं हो सकती. इसके लिए आरोपितों के खिलाफ पर्याप्त साक्ष्य की जरूरत होगी. इसके चलते गिरफ्तारी का मामला ठंडा पड़ा रहा. इस बीच पूरे मामले के जांच की मांग करने वाले नगर पार्षद इंतखाब अहमद के पत्र पर एसपी सौरभ कुमार साह ने गंभीरता से लिया. साथ ही निगरानी अन्वेषण टीम को पत्र लिखा.
इसमें नगर निकाय के चुनाव को देखते हुए गिरफ्तारी के लिए निगरानी को यथोचित कार्रवाई करने को कहा था. इसके बाद से ही कल तक खामोश रही निगरानी अन्वेषण टीम अचानक सक्रिय हो गयी है. निगरानी अन्वेषण के डीजी के आदेश पर आरोपितों की गिरफ्तारी के लिए पटना से आयी टीम यहां कैंप कर रही है. टीम का नेतृत्व कर रहे मुकदमे के अनुसंधानकर्ता मुन्ना प्रसाद ने आरोपितों के संदिग्ध ठिकानों पर नगर थाना पुलिस की मदद से छापामारी की. यह अभियान आगे भी चलने की उम्मीद है.
यह अंदेशा जताया जा रहा है कि पटना टीम के वापस लौटने के बाद नगर थाना इंस्पेक्टर सुबोध कुमार द्वारा वारंटियों की गिरफ्तारी की कोशिश की जायेगी. इसकी पुष्टि करते हुए घटना के अनुसंधानकर्ता मुन्ना प्रसाद ने कहा कि नगर थाना पुलिस की मदद ली जा रही है. जल्द ही घटना में संलिप्त आरोपित गिरफ्त में होंगे.
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