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154 गांवों में 60% से कम हुआ टीकाकरण

समीक्षा Â डब्ल्यूएचओ की रिपोर्ट पर डीएम ने सीएस को दिया निर्देश सीवान : डब्ल्यूएचओ ने जिले के करीब 154 गांवों के बच्चों के जांच के बाद पाया है कि इन गांवों में नियमित टीकाकरण की दर 60 प्रतिशत से भी कम है. महाराजगंज के लेरुआ गांव में तो यह दर 17 प्रतिशत है. इसमें […]

समीक्षा Â डब्ल्यूएचओ की रिपोर्ट पर डीएम ने सीएस को दिया निर्देश

सीवान : डब्ल्यूएचओ ने जिले के करीब 154 गांवों के बच्चों के जांच के बाद पाया है कि इन गांवों में नियमित टीकाकरण की दर 60 प्रतिशत से भी कम है. महाराजगंज के लेरुआ गांव में तो यह दर 17 प्रतिशत है. इसमें आश्चर्य जताया गया कि यह बात समझ से परे है कि जब जिले की बात होती है, तो जिले की दर करीब 87 प्रतिशत कैसे हो जाती है. रिपोर्ट मिलने के बाद सिविल सर्जन डॉ शिवचंद्र झा ने संबंधित गांवों के पीएचसी को दो दिन अधिक टीकाकरण कराने का निर्देश दिया है. बच्चों को स्वस्थ रहने व कई बीमारियों से बचाव के लिए सरकार द्वारा नियमित टीकाकरण कार्यक्रम के तहत बच्चों को नि:शुल्क टीके दिये जाते हैं. इसके लिए जिले में स्वास्थ्य केंद्रों,
उपस्वास्थ्य केंद्रों के अलावा टीकाकरण केंद्रों की भी व्यवस्था की है. लेकिन, तमाम व्यवस्थाओं के बावजूद करीब 25 प्रतिशत बच्चे नियमित टीकाकरण कार्यक्रम के अंतर्गत आते नहीं. लेकिन, जो बच्चे प्रारंभ में टीके लेने आते हैं, उसमें से करीब आधे टीकाकरण के सभी टीके नहीं लेते हैं.
छह प्रखंडों में हैं 60 से कम टीकाकरण वाले अधिक गांव : जिला मुख्यालय से सटे सदर प्रखंड में 19, पचरुखी प्रखंड में 15, मैरवा प्रखंड में 12, गुठनी प्रखंड में 20, दरौंदा प्रखंड में 14 गांवों के सर्वेक्षण के दौरान डब्ल्यूएचओ की टीम ने नियमित टीकाकरण की दर 60 प्रतिशत से कम पायी है. 154 गांवों में आधे से अधिक गांवों में यह प्रतिशत 40 से भी कम है. नियमित टीकाकरण कार्यक्रम के तहत बच्चों को टीके नहीं लगने का मुख्य कारण विभाग द्वारा इस संबंध में लोगों को जागरूक नहीं करना है. लोगों को अपने बच्चों को टीके लगवाने के लिए प्रेरित करने के लिए सरकार ने कई प्रकार की सुविधाएं विभाग को मुहैया करायी हैं. लेकिन, लगता है कि जागरूकता का काम धरातल पर नहीं होने से लोगों को इसकी जानकारी नहीं मिल पाती है. जब भी किसी कार्यक्रम में कोई गलती होती है, तो निचले स्तर की आशा पर गाज गिरता है. इनके जिम्मे टीबी मरीज को दवा खिलाने से लेकर बच्चों को टीका दिलवाने तक का काम करना है.
शहरी क्षेत्र के मखदुम सराय मोहल्ले में भी नियमित टीकाकरण है 50 प्रतिशत
पारा मेडिकल वोलेंटियरों की बहाली की प्रक्रिया डीएचएस ने की शुरू

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