जालसाज ने बुना था विजिलेंस के हत्थे चढ़े इंस्पेक्टर के लिए जाल
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इंस्पेक्टर को करीबी ने ही पहुंचाया सलाखों के पीछे
जालसाज ने बुना था विजिलेंस के हत्थे चढ़े इंस्पेक्टर के लिए जाल असांव के सहसरांव निवासी संपत की शिकायत पर विजिलेंस ने की थी छापामारी सीवान : 50 हजार रुपये रिश्वत लेने के जुर्म में फंसा इंसपेक्टर हुनमान राम अब जेल के सलाखों के पीछे है. हनुमान को जेल के सलाखों तक पहुंचानेवाला उसका करीबी […]
असांव के सहसरांव निवासी संपत की शिकायत पर विजिलेंस ने की थी छापामारी
सीवान : 50 हजार रुपये रिश्वत लेने के जुर्म में फंसा इंसपेक्टर हुनमान राम अब जेल के सलाखों के पीछे है. हनुमान को जेल के सलाखों तक पहुंचानेवाला उसका करीबी ही रहा. असांव थाने के सहसरांव गांव के संपत भगत ने आजिज आकर इंस्पेक्टर के खिलाफ कार्रवाई के लिए निगरानी में शिकायत की. एक मारपीट व रंगदारी के दर्ज मामले के पर्यवेक्षण के लिए इंस्पेक्टर ने 50 हजार रुपये की मांग की थी. इसका खामियाजा इंस्पेक्टर को अब विजिलेंस के हत्थे चढ़ने के बाद जेल में भुगतना पड़ रहा है. शिकायतकर्ता संपत भगत के कारनामे भी कम नहीं हैं. पुलिस रेकाॅर्ड के मुताबिक,
उस पर गबन व धोखाधड़ी समेत कई संगीन मामले दर्ज हैं. अपने कारनामों के कारण चर्चित रहने के चलते ही संपत भी आरोपित इंस्पेक्टर का करीबी बन गया. बाद में यह करीबी इस घटना से दूरी में बदल गयी. असांव थाने के सहसरांव गांव का संपत भगत भी चर्चा में है. इंस्पेक्टर को हवालात तक भिजवाने की भूमिका के चलते चर्चा में आये संपत के कारनामों की कहानी भी लंबी है. उस पर नगर थाने में 303/10 के तहत धोखाधड़ी व गबन का मुकदमा दर्ज है.
उधर, हुसैनगंज थाने में भी संपत के खिलाफ 184/10 व 47/10 में धोखाधड़ी व गबन के अलग-अलग मामले दर्ज हैं. इसमें गिरफ्तारी के बाद जमानत पर है. इनमें से एक मामले में वह तत्कालीन कृषि पदाधिकारी के साथ सह आरोपित है. हाल में ही गांव के ही एक व्यक्ति की चार बीघा जमीन संपत भगत द्वारा अपने नाम से फर्जीवाड़ा कर बैनामा कराने का आरोप है. इसी मामले में दोनों पक्षों के बीच मारपीट हुई थी. इसका कांड संख्या 64/16 दर्ज हुआ था.
इसी मामले में पर्यवेक्षण के लिए इंस्पेक्टर हनुमान राम ने संपत से 50 हजार रुपये रिश्वत की मांग की थी. इसके बाद मंगलवार को रुपये संग मौके पर इंस्पेक्टर विजिलेंस के हाथ चढ़ गया. एसपी सौरभ कुमार साह ने कहा कि जालसाज के आरोपित से रिश्वत लेने मात्र से इंस्पेक्टर हनुमान राम का जुर्म कम नहीं हो जाता है. इंस्पेक्टर पर कड़ी कार्रवाई होगी.
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