महाराजगंज : शहर के रामेश्वर धाम मंदिर प्रांगण में चल रहे श्रीमद्भागवत कथा के चौथे दिन अश्वमेघ पीठाधीश्वर जगत गुरु उपेंद्र पराशर महाराज ने भारतीय संस्कृति में नारी के सम्मान की चर्चा की. कहा कि भारतीय संस्कृति में नारी को उत्तम स्थान प्राप्त है. भारतीय नारी को गौरवमयी कह कर सम्मानित किया गया है. उन्होंने ने कहा कि वेदों में भी कहा गया है ‘मातृ देवो भव:’ . अर्थात माता देवताओं के समान होती है. श्रीमद्भागवत कथा में, ‘त्वमेव माता च पिता त्वमेव’ अर्थात माता का स्थान पिता से पहले आता है. मातृ शक्ति का स्मरण ईश्वर से पहले होता है.
उन्होंने कहा कि जिस घर में स्त्रियों का सम्मान होता है, उस घर की स्थिति स्वर्ग के समान होती है. साथ ही कहा कि मानव के हाथ के अग्र भाग में लक्ष्मी, मध्य भाग में सरस्वती व मूल भाग में गोविंद भगवान का वास होता है. भारतीय संस्कृति में स्त्रियों को शक्ति समान माना गया है. महिलाओं को सम्मानजनक शब्दों से संबोधित करना चाहिए. मौके पर बड़ी संख्या में लोग उपस्थित थे.