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10 से शुरू होगा बच्चों को कृमि से मुक्ति का प्रयास

सीवान : एक साल से लेकर 19 साल के बच्चों को कृमि से मुक्ति दिलाने के लिए शासन ने राष्ट्रीय कृमि मुक्ति दिवस के दिन 10 फरवरी को सभी सरकारी स्कूलों व आंगनबाड़ी के बच्चों को एबेंडाजोल की गोली खिलाने की योजना बनायी है. इसके लिए स्वास्थ्य, शिक्षा व आइसीडी विभाग कार्यक्रम को सफल बनाने […]

सीवान : एक साल से लेकर 19 साल के बच्चों को कृमि से मुक्ति दिलाने के लिए शासन ने राष्ट्रीय कृमि मुक्ति दिवस के दिन 10 फरवरी को सभी सरकारी स्कूलों व आंगनबाड़ी के बच्चों को एबेंडाजोल की गोली खिलाने की योजना बनायी है.
इसके लिए स्वास्थ्य, शिक्षा व आइसीडी विभाग कार्यक्रम को सफल बनाने के लिए युद्ध स्तर पर तैयारी कर रहा है. कृमि से मुक्ति दिलाने के लिए 10 फरवरी को होने वाला कार्यक्रम यह पांचवा चरण है. इसके पहले चार बार जिले में चलाया जा चुका है. एक साल से लेकर 19 साल तक के बच्चों को एंबेंडाजोल जोल की दी जाने वाली गोली खिलाने के लिए आंगनबाड़ी केंद्रों की सहायिका व सेविका, एएनएम व सरकारी स्कूलों के शिक्षकों को प्रशिक्षित किया जा रहा है.
इस चरण में सिर्फ सरकारी स्कूल में पंजीकृत छात्रों व आंगनबाड़ी केंद्रों में आने वाले बच्चों को ही कृमि से मुक्ति की गोली खिलायी जायेगी. वैसे बच्चे जो सरकारी स्कूलों में पंजीकृत हैं, लेकिन पढ़ने के लिए स्कूल नहीं आते. वैसे बच्चों को आंगनबाड़ी केंद्रों द्वारा 10 फरवरी को एबेंडाजोल की गोली खिलायी जायेगी. वहीं जो बच्चे 10 फरवरी को किसी कारणवश दवा नहीं खा सके, उन्हें 15 फरवरी को कैच अप राउंड में दवा खिलायी जायेगी.
कितनी खानी है कृमि मुक्ति की दवा : एक से दो साल के बच्चों को एबेंडाजोल की आधी गोली चूर्ण करके पानी के साथ आंगनबाड़ी केंद्र, दो से छह साल के बच्चों को एबेंडाजोल की एक गोली चबा कर पानी के साथ-आंगनबाड़ी केंद्र,
छह से 19 साल के बच्चों को एबेंडाजोल की एक गोली चबा कर पानी के साथ-स्कूलों में शिक्षक, व छह से 19 साल के वैसे बच्चे जो स्कूल नहीं जाते उनको आंगनबाड़ी केंद्रों में दवा दी जायेगी.
बच्चों के कृमि से ग्रसित होने के कारण : बच्चों के मिट्टी के संपर्क में आने से, शौच से आने के बाद अच्छी तरह हाथ नहीं धोने से, खाना खाने से पहले अच्छी तरह से हाथ नहीं धोने से, बिना चप्पल व जूते के रहने से,
बच्चों के कृमि से ग्रसित होने के लक्षण : बच्चों को भूख नहीं लगना, बच्चों का कुपोषित होना, बच्चों में खून की कमी का होना, पेट दर्द के साथ उल्टी की शिकायत होना, पैखाने के साथ खून का आना.
कृमि से बचाव की सावधानियां : शौच से आने के बाद व खाना खाने के पहले साबून से हाथ साफ करें, पैर में हमेशा चप्पल या जूते पहनें, समय से हाथ व पैर के नाखुनों को काटें, सब्जी को पकाने के पहले अच्छी तरह से पानी से धो लें, हमेशा गरम व ताजा खाना खाएं व स्वच्छ व ताजा पानी पीएं.
क्या कहते हैं पदाधिकारी
राष्ट्रीय कृमि मुक्ति दिवस 10 फरवरी को जिले में कृमि से मुक्ति दिलाने के लिए एक से लेकर 19 साल के बच्चों को एबेंडाजोल की गोली खिलायी जायेगी. कार्यक्रम के तहत फिलहाल सरकारी स्कूलों, आंगनबाड़ी केंद्रों, जवाहर व केंद्रीय विद्यालयों के बच्चों को दवा खिलायी जायेगी. इस दिन छुटे बच्चों को 15 फरवरी को कैच-अप राउंड में दवा दी जायेगी. कार्यक्रम की तैयारी जोर-शोर के साथ चल रही है.
डॉ प्रमोद कुमार पांडेय, नोडल पदाधिकारी

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