सीवान : शनिवार को पुलिस के हत्थे चढ़े अपराधियों की योजना भारतीय स्टेट बैंक श्री नगर में डकैती की थी, जिसके लिए वे लगातार कई दिनों से यहां की रेकी कर रहे थे. साथ ही उनकी योजना बैंक में मोटी रकम जमा व निकासी करनेवाले लोगों को भी निशाना बनाना था. उन्हें इंतजार था, तो मौके का.
इसका खुलासा नगर के आनंद नगर से गिरफ्तार चार अपराधियों ने किया है. गुप्त सूचना मिलने पर एसपी ने वहां कार्रवाई के लिए विशेष टीम का गठन किया था और पुलिस और एसआइटी की टीम ने दो विदेशी पिस्टल, एक कट्टा, 10 कारतूस आदि के साथ चार अपराधियों को गिरफ्तार किया था. उनके पास से दो मैगजीन, दो लैपटॉप, चार मोबाइल, एक टैब, छह सिम कार्ड, एक बाइक, नंबर प्लेट, ट्राइगर चाकू, फाइटर पंच आदि बरामद हुए हैं.
भाड़े के मकान में रहते थे चारों : पुलिस के हत्थे चढ़े अपराधी आनंद नगर में एक भाड़े के मकान में वे करीब छह माह से रहते थे. इनमें नौतन के खलवां निवासी रजनीश कुमार राय बच्चों को ट् यूशन पढ़ाने का काम करता था. वह घर-घर जा कर बच्चों को पढ़ाता था. अन्य तीनों पढ़ाई के नाम पर यहां रहते थे. इनमें आंदर के गौरा निवासी प्रिंस कुमार व मदसिलापुर निवासी रंजेश कुमार व यूपी के देवरिया जिले के भोपतपुर का रमेश उर्फ मनीष शामिल हैं.
गिरफ्तारी के वक्त दिलवाले फिल्म देख कर लौटे थे चारों : पुलिस टीम जब पहुंची, तो पता चला कि इनके फ्लैट का ताला बंद है. इसके बाद पुलिस टीम ने सादी वरदी में वहां घात लगा कर इनका इंतजार शुरू किया. रात 10 बजे के करीब चारों अपने फ्लैट पर पहुंचे और अपना गेट खोल कर अंदर प्रवेश किया. तभी पुलिस टीम ने उन्हें दबोच लिया. फिर घर की तलाशी शुरू हुई, जहां से अलग-अलग जगह पर छुपा कर रखे गये हथियार बरामद हुए. इसके बाद पुलिस की जांच और कार्रवाई आगे बढ़ती गयी.
गिरफ्तार अपराधियों का असली आका कौन ? शुरुआती पूछताछ में पुलिस की गिरफ्त में आये चारों ने बताया कि वह जिले के आंदर थाने के छजवां बलिया निवासी पंकज सिंह के इशारे पर अपने कार्यों को अंजाम देते हैं. पंकज फिलहाल सीवान जेल में बंद है. साथ ही पुलिस इस जांच में भी जुटी है कि कहीं इनका असली आका कोई दूसरा तो नहीं है. वैसे इस मामले में पंकज की भूमिका तो स्पष्ट हो ही चुकी है.
जांच और छापेमारी में जुटी पुलिस : पुलिस की पकड़ में आये चारों अपराधी अपराध क्षेत्र में नये बताये जाते हैं और ये सभी 18 से 20 वर्ष उम्र के हैं. इन लोगों का पुराना आपराधिक रिकॉर्ड फिलहाल उपलब्ध नहीं है. पुलिस इस जांच में जुटी है कि इन लोगों ने इतनी घटनाओं को अंजाम दिया है. वहीं यूपी के रहनेवाले रमेश के आपराधिक रिकॉर्ड के संबंध में यूपी पुलिस को लिखा गया है. वहीं इनसे प्राप्त जानकारी के आधार पर पुलिस लगातार छापेमारी में जुटी है. इनके मोबाइल का सीडीआर निकाल कर जांच की जा रही है. इससे भी नये खुलासे की उम्मीद है. ये चारों बाइक का नंबर प्लेट बदल कर और मास्क लगा कर घटना को अंजाम देते थे. ताकि इनकी पहचान छुपायी जा सके. एसबीआइ श्रीनगर के फुटेज में भी ये कई बार देखे गये हैं.
क्या कहते हैं एसपी
गिरफ्तार अपराधियों से मिले सुराग के आधार पर पुलिस की कार्रवाई लगातार जारी है. इनकी गिरफ्तारी पुलिस के लिए एक बड़ी सफलता है. इससे कई खुलासे होने की उम्मीद है. जरूरत पड़ने पर अपराधी पंकज और इन्हें रिमांड पर ले कर पूछताछ की जायेगी.
सौरभ कुमार साह, पुलिस कप्तान, सीवान
र्माण अधर में