सीवान : नगर के पकड़ी मोड स्थित शिशु रोग विशेषज्ञ डॉ ओपी सिंह के क्लिनिक में चिकित्सक व कर्मचारियों की उदासीनता ने एक मासूम बच्चे की जान ले ली. आरोप है कि चिकित्सक दरौली थाना क्षेत्र के नेपुरा गांव से शनिवार को पहुंचे योगिंदर चौबे के पुत्र शशिकांत चौबे के आठ माह के शिशु रिशू चौबे की स्वास्थ्य जांच घंटों इंतजार कराने के बाद अपराह्न् करीब चार बजे की, और शिशु की गंभीर स्थिति होते हुए भी उसे घर वापस भेज दिया.
रविवार की सुबह करीब छह बजे बच्चे को जब गंभीर स्थिति में उसके परिजन लेकर पुन: डॉ ओपी सिंह के क्लिनिक पर पहुंचे तो कर्मचारियों ने मरीज के प्रति उदासीनता बरती, नतीजतन मासूम बच्चे की क्लिनिक परिसर में ही मौत हो गयी. रिशु की मौत के बाद उसके परिजन रोने-चिल्लाने लगे, लेकिन उनकी किसी न सुनी और उन्हें क्लिनिक से बाहर कर दिया.
घटना के संबंध में बताते हैं कि शशिकांत चौबे अपने आठ माह के बेटे को लेकर शनिवार को डॉ ओपी सिंह के यहां आये थे. श्री चौबे के मुताबिक बच्च गंभीर था, इसके बाद भी उसे अपराह्न् करीब तीन बजे देखा गया और चिकित्सक ने कुछ दवा लिखकर मरीज को ले जाने को कह दिया. रविवार की सुबह जब बच्च पुन: गंभीर हो गया तो वे फिर दरौली से करीब छह बजे सुबह क्लिनिक में पहुंचे. जहां चिकित्सक ने बच्चे को देखने से इनकार कर दिया, नतीजतन उसकी मौके पर ही मौत हो गयी.
* क्या कहते हैं चिकित्सक
बच्चे को लूज मोशन (डायरिया) था और उसे भरती करने के लिए बोला गया था, क्योंकि उसे पानी चढ़ाना जरूरी था. लेकिन परिजनों ने उसे भरती नहीं कराया और वापस लेकर चले गये. जब कोई कहने के बाद भी नहीं एडमिट नहीं करायेगा, तो मरीज का सीरियस होना स्वाभाविक है. दूसरे दिन सुबह जब परिजन बच्चे को, जो कोमा में था,लेकर पहुंचे तो मरीज मेरे बस का नहीं था. मरीज के परिजनों का मेरे ऊपर लगाया गया आरोप बेबुनियाद है.
डॉ. ओमप्रकाश सिंह
शिशु रोग विशेषज्ञ