सीवान : सोमवार को प्रारंभ हुए कृषि यांत्रिक मेले के दूसरे दिन किसानों की भीड़ पूछताछ करती हुई देखी गयी. किसानों में मेला के प्रति झुकाव और कृषि में आधुनिक यंत्रों के प्रयोग के प्रति सकारात्मक पहल देखा गया. दूर-दूर से आये बड़े किसानों ने हार्वेस्टर और पराली प्रबंधन मशीन के बारे में जानकारी लेते देखे गये. इन मशीनों की कीमत डेढ़ लाख से लेकर 6.5 लाख तक है.
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कृषि मेले में उमड़ रही किसानों की भीड़
सीवान : सोमवार को प्रारंभ हुए कृषि यांत्रिक मेले के दूसरे दिन किसानों की भीड़ पूछताछ करती हुई देखी गयी. किसानों में मेला के प्रति झुकाव और कृषि में आधुनिक यंत्रों के प्रयोग के प्रति सकारात्मक पहल देखा गया. दूर-दूर से आये बड़े किसानों ने हार्वेस्टर और पराली प्रबंधन मशीन के बारे में जानकारी लेते […]
इसमें सरकार का अनुदान शामिल है वैसे बाजार दर पर इसके मूल्य 10 लाख से ज्यादा हैं. हालांकि इन मशीनों के गांवों में आने से पराली को बेकार समझकर खेतों में जला रहे किसानों को ज्यादा सहूलियत होगी क्योंकि इसी मशीन से वे उस पुआल को पशु चारा के रूप में प्रयोग करने लायक बना सकेंगे.
यह कृषि यांत्रीकीकरण मेला किसानों को कम लागत में ज्यादा उपज लेने और उसका उचित प्रबंधन के लिए आधुनिक यंत्र उपलब्ध करायेगा. किसान इसका ज्यादा से ज्यादा लाभ उठाएं और अपने आय को दोगुना करें. उन्होंने कहा कि किसानों की खुशहाली की समाज की असली खुशहाली है.
सबसे ज्यादा मेहनत करने वाला अगर खुशहाल नहीं होगा तो नौकरी पेशा वाले भी खुशहाल नहीं हो सकते. अगर किसानों की उपज बढ़ेगी तो थोड़ा बहुत लाभ समाज के सभी वर्गों को भी मिलेगा. उन्होंने किसानों को आधुनिक खेती करने की सलाह दी और सरकारी अनुदान लेकर अपने जीवन को समृद्ध बनाने की भी सलाह दी.
जिला कृषि पदाधिकारी अशोक कुमार राव ने कहा कृषि विभाग किसानों की आय बढ़ाने के लिए कृतसंकल्पित है और यह मेला इसमे आने वाले किसानों की पहल को देखकर अच्छा संकेत मिला है. उम्मीद है कि आने वाले दिनों में इसका प्रभाव गांवों में भी देखने को मिलेगा. कर्मी किसी भी गांव और पंचायत में जाकर समूह में खेती कराने के लिए खेतों में ही प्रशिक्षण दे रहे हैं.
जिले के सभी प्रखंडों के कई पंचायतों में हमारे साथ सभी कृषि कर्मी पिछले एक माह से प्रशिक्षण कार्यक्रम चला रहे हैं. किसान खुश हैं कि सरकारी बाबू अब खेतों में आकर हमें समझाने लगे हैं. इससे वे ज्यादा से ज्यादा अपनी समस्याएं खुलकर कहने लगे हैं और उसका निदान भी वहीं पर कर दिया जा रहा है.
रजिस्टर्ड किसानों के अलावा अन्य कृषि मजदूरों को इससे जोड़ने का प्रयास विभाग कर रहा है. कृषि के अलावा या इससे जुड़े जीतने बहुद्देश्यीय व्यवसाय हो सकते हैं. उन्होंने पराली प्रबंधन के बारे में भी बताया और कहा कि कोई भी खरपतवार खेत में न जलाएं. यह खेत की सेहत के लिए हानिकारक है. जैसे उसका धुआं हमारे फेफड़े को छलनी कर रहा है वैसे ही आग के कारण मिट्टी की नाइट्रोजन शक्ति बर्बाद हो रही है.
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