महाराजगंज : स्कूली बच्चों की तर्ज पर अब आंगनबाड़ी केंद्र के बच्चों की आधार सीडिंग भी आवश्यक कर दी गयी है. विभागीय निर्देश के आलोक में केंद्र से जुड़े बच्चों की आधार संख्या भी मांगी जा रही है. लेकिन कम उम्र के इन अधिकांश बच्चों का आधार कार्ड नहीं होना सेविकाओं के लिए परेशानी का सबब बना हुआ है.
बच्चों के आधार कार्ड के लिए वे अभिभावकों के घर का चक्कर काट रही है. वैसे विभाग का दावा है कि 60 फीसदी बच्चों की आधार सीडिंग का कार्य पूर्ण हो चुका है, परंतु सरजमीं पर सेविकाओं की जद्दोजहद जारी है. नये प्रावधान के मुताबिक अब आंगनबाड़ी केंद्रों से लाभान्वित बच्चों के साथ-साथ गर्भवती महिलाओं की भी आधार सीडिंग होनी है. अब आधार सीडिंग वाले लाभार्थी ही इन योजनाओं का लाभ ले सकेंगे. महाराजगंज प्रखंड में आंगनबाड़ी केंद्रों की संख्या 170 है और इनसे छह हजार छह सौ बच्चे जुड़े हुए हैं.
क्या हो रही परेशानी
सेविकाओं के अनुसार एक तो इतने छोटे बच्चों का आधार कार्ड बनाने में अभिभावक दिलचस्पी नहीं ले रहे हैं. अगर अभिभावक इस दिशा में प्रयास भी करते हैं तो कुछ बच्चों के आधार नहीं बन पाते हैं. जानकारी के अनुसार मासूम बच्चों की अंगुली मशीन पर नहीं आ पाता है. इसके अलावा ग्रामीण क्षेत्रों में केंद्र में नामांकित बच्चों की संख्या तो 40 बतायी जाती है, लेकिन उनमें से 50 फीसदी बच्चे विरले ही केंद्र आते हैं. इसके अलावा कई अन्य कार्यों का दायित्व सेविकाओं के जिम्मे रहने सहित कई केंद्रों पर सहायिका के नहीं होने से उनकी परेशानी और बढ़ गयी है.
क्या कहती हैं सीडीपीओ
नये प्रावधान के मुताबिक आंगनबाड़ी केंद्रों के बच्चों के साथ गर्भवती व धातृ महिलाओं की आधार सीडिंग आवश्यक है. इस दिशा में युद्ध स्तर पर कार्य चल रहा है. इसमें कोताही बरतने पर कड़ी कार्रवाई होगी.
सरस्वति देवी, सीडीपीओ, महाराजगंज.