सीवान : केस डायरी लिखने के नाम पर पीड़ित से 40 हजार रिश्वत मांगने के मामले में रोज नये विवाद सामने आ रहे हैं. अब इस मामले के सूचक ने एमएच नगर थानाध्यक्ष अरुण कुमार सिंह और प्रमुख के समर्थक से जान का खतरा बताया है. एमएच नगर के सेमरी निवासी शम्स तरवेज खान ने एसपी सौरभ कुमार शाह को आवेदन देकर जान माल की सुरक्षा की गुहार लगायी है. आवेदन में कहा गया है कि थानाध्यक्ष व नोमान उर्फ कुकू मामला उठाने की धमकी दे रहे हैं.
नहीं तो केस में फंसाने और अंजाम भुगतने की चेतावनी दी जा रही है. आवेदन में कहा है कि दोनों 10 नवंबर को उनके घर पहुंचे और धमकी दी. 11 को थाना जाने पर देखा कि कुकू अपने गुर्गों के साथ थानेदार के साथ बैठा था. कोर्ट द्वारा संज्ञान के बाद एसपी सौरभ कुमार शाह ने कांड के आईओ एएसआई रामदास दास को निलंबित करते हुए विभागीय जांच का आदेश दिया है. एसपी ने एमएच नगर थानाध्यक्ष अरुण कुमार सिंह पर भी जांच का आदेश दिया था.
एसीजेएम प्रथम धीरेंद्र मिश्रा ने एमएच नगर थाने में पदस्थापित एएसआई रामनाथ द्वारा एक केस को सलटाने के लिए मांगी गयी रिश्वत की ऑडियो टेप सुनने के बाद एसपी को आवश्यक जांच व कार्रवाई के लिए पत्र लिखा था और सुनवाई की अगली तिथि 27 नवंबर की तिथि तय की थी.इसके बाद कार्रवाई हुई थी.
मामला एमएच नगर थाना क्षेत्र के सेमरी गांव निवासी शम्स तबरेज से जुड़ा है. गत 13 सितंबर को तबरेज दवा खरीदने के लिए कार से हसनपुरा जा रहे थे. रास्ते में भीड़ देख रुके. वहां एक महिला घायल पड़ी थी. लोगों के निवेदन पर ये उसे अस्पताल पहुंचाने के लिए राजी हुए. इसी बीच उसकी मौत हो गयी. फिर ब्लॉक प्रमुख रजिया खातून के देवर सह प्रतिनिधि नोमान अहमद उर्फ पप्पू, अखलाक अहमद, अतिया अहमद, फिरोज खान तथा चार-पांच अन्य लोगों ने यह कहते हुए शम्स को मारना-पीटना शुरू कर दिया कि इनकी ही गाड़ी से कुचल कर महिला की मौत हुई है.
बाद में माहौल शांत होने पर ये थाने में एफआइआर कराने के लिए आवेदन देने गये. आरोप है कि थानाध्यक्ष ने आवेदन लेने से मना कर दिया. काफी दबाव के बाद प्राथमिकी दर्ज करते समय नोमान सहित अन्य को बुलवा लिया. शम्स का कहना है कि थानाध्यक्ष ने मेरी एफआईआर दर्ज करने के बाद महिला की मौत के मामले में मेरे खिलाफ 302 का केस करने की बात कही. इस पर अखलाक ने मना किया कि इससे पोस्टमार्टम कराना होगा. इसके बाद नोमान ने अपने चालक कमल राम से एससी-एसटी अधिनियम के तहत मामला मेरे खिलाफ दर्ज करवा दिया.
दोनों मामलों में एएसआई थे आईओ
दोनों मामलों की जांच के लिए एएसआइ रामनाथ दास को आईओ बनाया गया. अब यहां से आईओ ने वसूली के लिए तमाम प्रकार के दबाव बनाने शुरू कर दिये. घर में छापेमारी, महिलाओं के साथ बदसलूकी करने के साथ ही 40 हजार रुपये की रिश्वत की भी मांग की जाने लगी. इसमें से 10 हजार रुपये महिलाओं से जबरन वसूल भी लिये. इसके बाद उन्होंने शेष 30 हजार रुपये के लिए सीधी बात की. उसने कहा कि थानाध्यक्ष, इंस्पेक्टर ऊपर के अधिकारियों को भी इसमें देना होगा. तभी केस में फाइनल रिपोर्ट लग पायेगी. इंस्पेक्टर से आप मिलिए. वे बार रुपये के बार-बार हम पर दबाव दे रहे हैं.
शम्स ने अपने साथ हुए अन्याय के खिलाफ आवाज बुलंद करने की ठान ली थी, सो सबूत के लिए करीब 20 मिनट तक रिश्वत के लिए हुई बातचीत को मोबाइल में रिकॉर्ड कर लिया. फिर इसकी सीडी बनवाकर कोर्ट सहित डीजीपी, राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग सहित अन्य अधिकारियों को भेजी. अब इस मामले में पीड़ित के फिर गुहार लगाने और थानेदार से खतरा बताने के बाद फिर इसकी चर्चा तेज हो गयी है. इस मामले में पूछने पर थानाध्यक्ष अरुण कुमार सिंह ने बताया कि मामला बनावटी है, जानबूझ कर मुझे लपेटा जा रहा है.
पीड़ित ने थानाध्यक्ष व प्रमुख के समर्थकों पर लगाया धमकी देने का आरोप
ऑडियो टेप सुनने के बाद एसपी ने करायी जांच