सीतामढ़ी/रून्नीसैदपुर : रंगदारी, लूट, रंगदारी के लिए हत्या व कातिलाना हमला समेत दो दर्जन से अधिक संगीन वारदातों को अंजाम देकर रून्नीसैदपुर के इलाके में आतंक का पर्याय बना सर्वेश दास उर्फ शेरा एक बार फिर दहशत का कारण बन गया है. साल 2014 में यूपी के सीतापुर से गिरफ्तार व फिलहाल केंद्रीय कारा मुजफ्फरपुर में बंद देवना बुजूर्ग निवासी शेरा जेल से ही इलाके में रंगदारी के वारदात को अंजाम दे रहा है. रविवार को रून्नीसैदपुर थाना के बलीगढ़ भगवती स्थान चौक स्थित हार्डवेयर व्यवसायी शंभु साह से बतौर रंगदारी दस लाख रुपये मांग कर इस गिरोह ने एक बार फिर सनसनी फैला दी है.
हालांकि पुलिस ने त्वरित कार्रवाई करते हुए सर्वेश दास उर्फ शेरा के भाई सुधीर कुमार को गिरफ्तार कर लिया है. बावजूद इसके इलाके के व्यवसायियों में दहशत है. वजह साल 2010 से लेकर अब तक शेरा द्वारा गठित बिहार लिबरेशन टाइगर आर्मी नामक संगठन ने रंगदारी के लिए रून्नीसैदपुर में खून की होली खेलता रहा है. इस संगठन द्वारा रंगदारी नहीं देने पर दवा व्यवसायी, किराना व्यवसायी, हार्डवेयर व्यवसायी, गल्ला व्यवसायी व किसान समेत दो दर्जन लोगों की गोली मार हत्या की जा चुकी है. जबकि दो दर्जन व्यवसायियों पर कातिलाना हमला भी किया जा चुका है.
इनमें 25 अप्रैल 2013 में माधोपुर – सुल्तानपुर में खाद व किराना व्यवसायी कामेश्वर सिंह के पुत्र सुशील कुमार पर हमला, दवा व्यवसायी मणी भूषण कुमार की गोली मार हत्या, ठाहर में किराना व्यवसायी अमीरी साह पर हमला व ठाहर के आलू -प्याज व्यवसायी रामावतार साह की हत्या आदि प्रमुख है. इसके अलावा गाढ़ा स्थित पेट्रोल पंप से लाखों की लूट व गुप्ता ज्वेलर्स के संचालक से रंगदारी में भी शेरा की सक्रियता रहीं. साल 2014 में शेरा के आतंक के बाद सीतामढ़ी पुलिस ने यूपी के सीतापुर में छापेमारी कर शेरा को गिरफ्तार किया था. सुरक्षा कारणों से उसे मुजफ्फरपुर केंद्रीय कारा स्थानांतरित कर दिया गया.
लेकिन मुजफ्फरपुर जेल से ही वह रंगदारी के वारदातों को अंजाम देता रहा. इधर, शेरा द्वारा लगातार कई व्यवसायियों को केंद्रीय कारा से ही काल कर रंगदारी मांगी जा रहीं थी. इसी क्रम में हार्डवेयर व्यवसायी शंभु साह से भी दस लाख रुपये की रंगदारी मांगी गई. शंभु साह ने मामले को लेकर थाने में प्राथमिकी दर्ज कराई और रून्नीसैदपुर पुलिस ने शेरा के भाई को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है.