शिवहर/तरियानी : जिले के तरियानी छपड़ा में रेफरल अस्पताल भवन खंडहर में तब्दील हो चुकी है. जिसके निर्माण की मांग जोर पकड़ने लगी है. बताया जाता है कि वर्षों पहले इस क्षेत्र के लोगों को चिकित्सा सुविधा मुहैया कराने के लिए इस अस्पताल का निर्माण कराया गया था. उस समय भवन निर्माण पर करीब एक करोड़ की लागत आयी थी. चिकित्सा व्यवस्था सुचारु रूप से चल रही थी. इसी बीच नक्सलवाद के बढ़ते प्रभाव को लेकर डीएम सुरेश प्रसाद सिंह ने सुरक्षा कारणों से इस अस्पताल को बंद करने की अनुशंसा सरकार से कर दी.
उसके बाद अस्पताल का संचालन बंद हो गया. इसी बीच ग्रामीणों ने न्यायालय में अस्पताल चालू करने को लेकर न्यायालय में मामला दायर कर दिया. हाइकोर्ट के आदेश के बाद वर्तमान डीएम राजकुमार के सकारात्मक सहयोग से यह अस्पताल पुन: संचालित कर दिया गया. चिकित्सक की प्रतिनियुक्ति कर दी गयी. अस्पताल बंद होने व चालू होने के बीच करीब दस वर्ष से अधिक समय निकल गया. तब तक अस्पताल भवन ध्वस्त होने के कगार पर पहुंच गया.
आज हालत है कि अस्पताल भवन खंडहर में तब्दील हो चुका है. वही वैकल्पिक व्यवस्था के तहत मध्य विद्यालय के भवन में अस्पताल का कार्य संचालित होता है. इस संबंध में तरियानी छपड़ा पंचायत के पूर्व मुखिया अखिलेश सिंह ने कहा कि लोगों को काफी कठिनाई का सामना करना पड़ रहा है.जिला प्रशासन को इस दिशा में पहल कर अस्पताल भवन का निर्माण कराना चाहिए. जबकि वर्तमान मुखिया श्यामबाबू सिंह ने भी लोगों के असुविधा के मद्देनजर अस्पताल भवन निर्माण की मांग जिला प्रशासन से की है.
इस बाबत पूछे जाने पर डीएम राजकुमार ने कहा कि तरियानी छपड़ा रेफरल अस्पताल भवन निर्माण के लिए राशि उपलब्ध कराने हेतु सरकार को लिखा जायेगा. कहा कि फिलहाल सौ बेड का अस्पताल चालू कराना उनकी प्राथमिकता है. उसके बाद अग्रतर कार्य किया जायेगा.