जांच. डाक घरों में कर्मियों की अवैध नियुक्ति का मामला नहीं हुआ है ठंडा
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सीबीआइ सुन कांपते हैं कर्मी!
जांच. डाक घरों में कर्मियों की अवैध नियुक्ति का मामला नहीं हुआ है ठंडा रिश्वत लेते धराये थे दो डाककर्मी सीतामढ़ी : जिले के डाक घरों में अवैध रूप से नियुक्त कर्मियों का मामला अभी ठंडा नहीं हुआ है. यह मामला सीबीआइ की पटना कोर्ट में चल रहा है. इस बीच, 42 कर्मियों के खिलाफ […]
रिश्वत लेते धराये थे दो डाककर्मी
सीतामढ़ी : जिले के डाक घरों में अवैध रूप से नियुक्त कर्मियों का मामला अभी ठंडा नहीं हुआ है. यह मामला सीबीआइ की पटना कोर्ट में चल रहा है. इस बीच, 42 कर्मियों के खिलाफ कोर्ट में चार्जशीट सौंप दिया गया है. फलत: डाक अधीक्षक आरके राय ने उक्त 42 कर्मियों को तत्काल के प्रभाव से निलंबित कर दिया है.
अब भी नियुक्ति की जांच जारी
अब भी सीबीआइ की टीम जांच के सिलसिले में प्रधान डाकघर आती रहती है. माना जा रहा है कि जांच की कार्रवाई अभी पूरी नहीं हुई है. वर्ष 2013 से ही नियुक्ति की जांच चल रही है. 42 शाखा डाक पाल, संवाहक व वितरक की नियुक्ति अवैध पायी जा चुकी है. वैसे सीबीआइ को शंका है कि अवैध कर्मियों की संख्या बढ़ सकती है. सूत्रों ने बताया कि पूर्व में जिन कर्मियों का नाम छांट दिया गया था, सीबीआइ अब उन कर्मियों के नियुक्ति से संबंधित कागजातों की जांच फिर से कर रही है. यह जांच कब तक पूरी होगी, सीबीआइ के अधिकारी ही बता सकते हैं.
फर्जीवाड़ा का खुलासा : सीबीआइ की जांच के बाद एक-एक कर नियुक्ति में किये गये फर्जीवाड़ा का मामला उजागर होते चला गया. सूत्रों ने बताया कि अधिकांश कर्मी संस्कृत विद्यालयों के फर्जी प्रमाण पत्र के आधार पर नियुक्ति पाने में सफल रहे थे, लेकिन ऐसे लोग सीबीआइ की जांच से नहीं बच सके और बेनकाब हो गये. नियुक्ति में इस तरह की और भी गड़बड़ियां की गयी थी.
लाखों की अवैध कमाई :
सूत्रों की बातों पर यकीन करे तो नियुक्ति प्रकरण में लाखों रुपये की अवैध कमाई की गयी थी. यह कमाई किस ने की होगी, यहां बताने की शायद ही जरूरत है. बताया गया है कि पैसे के बल पर ही कुछ लोग खुद के साथ ही अपनी पत्नी की भी नियुक्ति कराने में सफल रहे थे. डाक विभाग के कुछ कर्मी भी अपने नाते-रिश्तेदारों की नियुक्ति करा लिये थे. इसके चलते यह मामला और चर्चित हुआ था.
गत दिन आयी थी टीम : गत दिन नियुक्ति की जांच के सिलसिले में ही सीबीआइ की टीम आयी थी. अब तक करीब 20 बार टीम के आने की बात कही जा रही है. सूत्रों की बातों पर यकीन करे तो सीबीआइ का नाम सुन कर ही कर्मी कांप जाते हैं. जब टीम प्रधान डाक घर में आती है तो तमाम कर्मी पूरी तरह संभल जाते हैं. एक कारण यह भी है कि इसी प्रधान डाक घर से पूर्व में सीबीआइ ने दो कर्मियों को रिश्वत लेते रंगे हाथों पकड़ा था. तब से ही यहां के कर्मी काफी फूंक-फूंक कर कदम बढ़ाते हैं.
निलंबित किये गये कर्मी : निलंबित शाखा डाकपाल, संवाहक व वितरक में क्रमश: माधोपुर मलिनिया डाक घर के अजीत कुमार सिंह, डुमरी कला के राकेश कुमार, धनुषी के राकेश कुमार, विशनपुर के राधेकांत पाठक, कन्हवा के अखिलेश कुमार, घड़हरवा के राजेश कुमार, बेदौल से शिव कुमार, डुमरी खुर्द के नरेंद्र कुमार सिंह, भिस्वा के भिखारी महतो, कोइरिया पिपरा के श्याम किशोर सिंह, महिसौथा के प्रवीण कुमार, बघारी के रणधीर कुमार ठाकुर, रत्न लक्ष्मी के संजय कुमार, मानिक चौक मुनील कुमार, गोसाईंपुर के शिव शंकर कुमार, सहियारा के सुधाकर सिंह, बोकठा के दयानंद मिश्र, गौरी के मुकेश कुमार, रतवारा के मनोज कुमार व सिरसी के मधु कुमारी शामिल है.
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