सीतामढीः आइइडी यानी देशी बम एक तरह का बनावटी विस्फोटक उपकरण है. इसके प्रति लोगों को जागरूक करने के जिला प्रशासन द्वारा अभियान चलाया जा रहा है. प्रथम चरण में पंफलेट के माध्यम से जिले के लोगों को जागरूक व सतर्क किया जा रहा है. यह बताया जा रहा है कि देशी बम में विस्फोटक पदार्थ डेटानोटर, तार, बैटरी व स्वीच रखा जाता है. इसे बैटरी द्वारा ऊर्जा प्रदान कर विस्फोट किया जाता है, जिसके लिए दूर से भी तार जोड़ कर या घड़ी अथवा टाइमर की सहायता से निश्चित समय पर बैटरी का स्वीच सक्रिय किया जाता है. इससे व्यापक जान-माल का नुकसान होता है. प्रशासन का कहना है कि आइइडी आतंकवादियों व उग्रवादियों का प्रिय हथियार बन गया है.
बम को छुपाने की जगह
बताया गया है कि आइइडी यानी देशी बम को रेडियो, प्रेशर कुकर, गैस सिलेंडर, पाइप, दूध का डब्बा, टिफिन, खिलौना, टॉर्च व मोबाइल आदि में छिपाया जा सकता है. ध्यान देने पर इसे आसानी से पहचाना जा सकता है. लोगों को यह बताया गया है कि अगर सार्वजनिक स्थानों पर यदि कोई लावारिस बैग, रेडियो, टॉर्च, मोबाइल, खिलौना व कोई ऐसा अजनबी उपकरण पाया जाये और जिसमें अनावश्यक रूप से तार आदि लगे हो तो वह उपकरण निश्चित रूप से देशी बम है.
तब क्या करें
ऐसा पाये जाने पर तुरंत निकटतम थाना पुलिस को सूचना देनी चाहिए. उक्त वस्तु से करीब 25 मीटर की दूरी पर हीं रहना चाहिए और बम निरोधक दस्ता आने का इंतजार करना चाहिए. ज्वलनशील पदार्थ, मोबाइल फोन व तेज प्रकाश वाले उपकरण को ऐसे संदिग्ध लावारिस वस्तु से दूर रखनी चाहिए. तुरंत यह प्रचारित करना चाहिए कि लावारिस वस्तु के समीप कोई नहीं जाये.
आग लगने या बम फटने की स्थिति में अगिA शमन विभाग, एंबुलेंस, अस्पताल व पुलिस को तुरंत सूचित करना चाहिए.
यहां रखा जा सकता है बम
जिला प्रशासन का कहना है कि सड़क पर बने गढ़े एवं उस गढ़े को पुआल, घास व गोबर आदि से ढ़का हुआ पाये जाये तो उसमें देशी बम हो सकता है. सार्वजनिक स्थानों पर कूड़ादान, पार्क में गमला, रेलवे स्टेशन के शौचालय, सीढ़ियां, रेल का डिब्बा, लेटर बॉक्स, वाहनों का पार्किग स्थल व रास्ते में खड़ा हुआ लावारिस वाहन में आइइडी यानी देशी बम लगाया जा सकता है.
क्या कहते हैं अधिकारी
नगर इंस्पेक्टर उमेश चंद्र तिवारी ने बताया कि पटना में हाल में हुए विस्फोट के मद्देनजर जिले के लोगों को जागरूक करने के लिए यह कदम उठाया गया है.