सीतामढ़ीः पहले दुर्गा पूजा और अब दीपावली में भी शहर का ट्रैफिक चक्र टूटता नजर आ रहा है. कुछ ऐसी स्थिति रही तो छठ में भी लोगों को रेंगना पड़ सकता है.प्रशासन की ओर से शहर में ट्रैफिक का कोई माकूल इंतजाम नहीं किया गया है. दुर्गा पूजा के षष्ठी और अष्टमी को जिस प्रकार शहर का हर गली व मुहल्ला में लोग रेंगते नजर आये थे, कुछ ऐसी ही स्थिति दीपावली से पूर्व ही देखने को मिल रही है.
धनतेरस के एक दिन पहले ही शहर महाजाम की स्थिति का सामना कर चुका था, जब मेहसौल चौक से लेकर राजोपट्टी तक वाहनों की रेलमपेल के बीच राहगीर तक को नौ दिन चले ढाई कोस वाली स्थिति से साबका हुआ. धनतेरस के दिन तो शहर की ट्रैफिक व्यवस्था ध्वस्त हीं हो गयी. करीब 12 से 14 फिट की चौड़ाई वाले मुख्य सड़क के दोनों तरफ धनतेरस को लेकर दुकानें सजी है, इसको लेकर बेतरतीब जाम लग गया. जानकी स्थान से कोट बाजार, सरावगी चौक, लोहापट्टी, सोनापट्टी, गांधी चौक, महंत साह चौक, थाना रोड, मेन रोड, कॉलेज रोड, वीर कुंवर सिंह चौक, लखनदेई पुल पर राह चलना मुश्किल बन गया.
ट्रैफिक नियंत्रण के लिए पुलिस और प्रशासन की ओर से कोई खास इंतजाम नहीं किया था, लिहाजा पूरी व्यवस्था भगवान के भरोसे पर चल रही थी. शहर के महंत साह चौक पर तो दिन के एक बजते-बजते महाजाम में लोग ऐसे फंसे कि लोहापट्टी जाने में पैदल एक से डेढ़ घंटे का समय लग गया. चार पहिया वाहन तो बस रेंगती नजर आयी. कई स्कूली बसे भी जाम में जहां तहां फंसी रही. वाहन चालकों और रिक्शा ठेला वालों से कई मौकों पर जाम से निकलने को लेकर बहस और मारपीट तक की नौबत आ गयी. मगर अफसोस, कि भीड़ को नियंत्रित करने के लिए एक सिपाही तक के दर्शन नहीं हुए. लोग जैसे तैसे भीड़ और जाम से निकलने की जुगत भिड़ाते देखे जा रहे थे. कई वीआइपी, लाल बती गाड़ियां फंसी रही. और तो और मरीजों को ले जा रही एंबुलेंस की आपात हॉर्न का भी कहीं कोई प्रभाव नहीं दिख रहा था. नगर परिषद् द्वारा शहर के कुछ जगहों पर लगाये गये डिवाइडर भी व्यवस्था को मुंह चिढ़ाता नजर आ रहा था.