सीतामढ़ीः नरकटिया की मुखिया कुमारी देवी व उनके परिवार वालों को साजिश के तहत फंसाने का आरोप लगाते हुए ग्रामीण उनके समर्थन में आगे आ गये हैं. मंगलवार को समाज के दर्जनों बुद्धिजीवी ग्रामीण समाहरणालय स्थित एसपी के कार्यालय में एक आवेदन देकर मुखिया के साथ न्याय करने की मांग की है.
ग्रामीण योगी साह, राम उदार साह, रवींद्र सिंह, भोला राय, बलिराम राय, विजय आनंद, अनिल कुमार सिंह, विमलेश कुमार सिंह, लक्ष्मेश्वर सिंह, सकींद्र राय व प्रह्वाद राय समेत अन्य ने बताया है कि गांव के कमजोर, गरीब व लाचार लोगों के लिए आवाज उठाने के कारण कुमारी देवी दूसरी दफा मुखिया निर्वाचित हुई है. इस कारण कुछ लोग हमेशा किसी न किसी रूप में आपराधिक दबाव बनाने के प्रयास में लगे रहते है, ताकि मुखिया उन लोगों के इशारा पर चले. इसी क्रम में सोची समझी साजिश के तहत मेजरगंज कांड संख्या-201/2013 में मुखिया, उनके पति नरेंद्र सिंह व देवर विनोद कुमार को फंसा दिया गया है. जो पूरी तरह निदरेष है.
इस संदर्भ में सदर डीएसपी संजय कुमार के द्वारा एक तरफा पर्यवेक्षण किया गया. वे हमेशा ही सूचक देवेंद्र सिंह, राणा आकाशदीप व मुखिया के राजनीतिक विरोधियों से घिरे रहे. एक भी निष्पक्ष साक्षी का बयान उनके द्वारा नहीं लिया गया. डीएसपी ने सभी के खिलाफ लगाये गये आरोप को सत्य करार दिया है. मुखिया पर आरोप है कि उनके कहने पर उनके पति ने गोली चलायी, जो पूरी तरह निराधार है. ग्रामीणों का कहना है कि क्या कोई शिक्षित पत्नी अपने पति को हत्या करने के लिए प्रेरित कर सकती है? कभी नहीं. सत्य को बताने के लिए आवाज उठाने वालों के खिलाफ झूठा आवेदन देकर दबाव डाला जा रहा है. दर्ज प्राथमिकी में बताया गया है कि बिजली का तार खींचने के लिए विभाग के कर्मचारी को रोका गया.अगर ऐसा होता तो विभाग द्वारा मुकदमा किया जाता. अगर मुखिया के लाइसेंसी राइफल से गोली चलती तो राइफल छिपा दिया जाता. जबकि ऐसा नहीं किया गया. कई बार तो सूचक व उसके लड़के ने मृतक को हत्या की धमकी दी थी, तब मुखिया के परिवार ने उन्हें बचाया था. सूचक व उनके समर्थक लोगों ने राजनीति पर कब्जा करने के लिए योजना के तहत सभी को फंसाया है.
ग्रामीणों ने एसपी पर विश्वास प्रकट करते हुए अपने स्तर से मामले की निष्पक्ष जांच करने की मांग करते हुए तत्काल गिरफ्तारी वारंट पर रोक लगाने की मांग की है.