सीतामढ़ीः जिला प्रगतिशील किसान यूनियन के अध्यक्ष शंकर सिंह बाघेला ने मुख्यमंत्री को एक आवेदन देकर किसानों की समस्या से अवगत कराया है. कहा है कि एग्रीकल्चर इंश्योरेंस कंपनी, पटना के क्षेत्रीय प्रबंधक से रबी 2013-14 में फसल बीमा कराने के लिए गैर ऋणी किसानों की बैठक करने के लिए व पिछले दो वर्षो का फसल क्षतिपूर्ति के उद्देश्य से मिलने गये. परंतु क्षेत्रीय प्रबंधक से मुलाकात नही हो सकी. लेकिन कार्यालय अधिकारियों द्वारा बताया गया कि सीतामढ़ी, शिवहर, पूर्वी चंपारण व पश्चिम चंपारण जिले को फसल बीमा करने के लिए प्राइवेट कंपनी को दे दिया है.
एलआसी कंपनी द्वारा उपरोक्त जिला में बैठक नही किया जायेगा. उसके बाद आक्रोशित किसान लोग प्रगतिशील किसान यूनियन के तत्वावधान में तत्काल किसानों की बैठक बुलाई गयी. किसानों का कहना है कि शुरू से एलआइसी कंपनी द्वारा ऋणी एवं गैर ऋणी किसानों को संतोषप्रद सेवा किया जा रहा है. इस बीच में प्राइवेट कंपनी की जरूरत क्या है ? बिहार सरकार द्वारा प्राइवेट कंपनी से फसल बीमा करा कर बिहार के किसानों का आर्थिक शोषण किया जा रहा है.
2010-11 रबी में आइसीआइसीआइ लोम्बार्ड द्वारा सीतामढ़ी एवं चंपारण में फसल बीमा कराया गया. एक भी गैर ऋणी किसानों को फसल बीमा नही हुआ और एक रुपया का लाभ किसानों को नही मिल सका. शिवहर में एक भी बीमा रिलायंस द्वारा नही किया गया और धान सूख गया है. बिहार के किसान 2004 से बाढ़ एवं सुखाड़ के मार से त्रस्त है और बिहार सरकार सहकारिता विभाग के माध्यम से अनुदान की राशि पर रोक लगा कर बिहार के 30 लाख किसानों का फसल क्षतिपूर्ति का पैसा नही मिल रहा है. उक्त चारों जिला शुरू से ही गन्ने का फसल बीमा हो रहा था. पिछले वर्ष गन्ने का फसल बीमा पर बिहार सरकार द्वारा रोक लगा दिया गया. जबकि नजदीक में चीनी मिल होने के कारण किसान अपने अधिकांश भूमि में गन्ने की खेती हीं करते है. किसानों ने चारों जिला के साथ-साथ संपूर्ण बिहार से प्राइवेट फसल बीमा कंपनी को हटा देने और सुखाड़ से भयानक स्थिति को देखते हुए दुर्गापूजा तक रबी 2010-11 से रबी 2012-13 तक सभी फसल क्षतिपूर्ति भुगतान कराया जाये और हर हालत में चारों जिला में ईंख की फसल बीमा कराने की स्वीकृत देने की मांग की है.
ऐसा नहीं करने पर किसानों के बच्चे सरकार द्वारा आयोजित नवंबर 2013 के नवंबर माह में पल्स पोलियो अभियान का बहिष्कार करते हुए पल्स पोलियो की दवा की खुराक से वंचित रहेगा. विरोध स्वरूप रेल का चक्का जाम रहेगा. आवेदन की प्रतिलिपि कृषि मंत्री, प्रधान सचिव व डीएम को दी गयी है.