सीतामढ़ीः नक्सलियों के एक सप्ताह के बंद को लेकर अनिश्चितता के बीच संशय बरकरार है. उक्त बंदी को लेकर प्रभावित इलाके के लोगों के बीच तरह-तरह की चर्चाओं का बाजार गरम है. पुलिस और प्रशासनिक अधिकारियों ने बंदी को लेकर सुरक्षा के उचित कदम तक उठाने का दावा किया है. लेकिन बंदी को लेकर यह साफ नहीं है कि नक्सलियों के इस बंदी के पीछे कारण क्या है.
क्योंकि नक्सलियों ने अपनी बंदी की घोषणा का कारण गिनाया जाता रहा है. नक्सलियों के उत्तर बिहार पश्चिम जोनल कमेटी के कथित जोनल प्रवक्ता प्रहार ने दो दिन पूर्व हीं बंदी को नक्सलियों से अलग बताया है. उक्त कथित कमेटी के प्रवक्ता ने जब इसमें शामिल होने से इनकार कर दिया है, तो सवाल यह है कि बंदी के पीछे किसी सिरफिरा व्यक्ति का दिमाग तो नहीं है. शिवहर जिले में कमेटी ने बाजाप्ता इसको लेकर बयान भी जारी किये हैं. नक्सलियों के अचानक बंदी के निर्णय ने खुफिया विभाग को भी संशय में डाल दिया है.
नक्सल प्रभावित रुन्नीसैदपुर थाना के गिद्धा, फुलवरिया, महिंदबारा, सिरखिरिया, बलुआ बाजार में दुकान और दैनिक हाट में पहले की तरह चहलकदमी बढ़ गयी है. बेलसंड में भी लोगों ने सप्ताह के बंद को बेकार बताते हुए अपनी दैनिक दिनचर्या शुरु कर दिया है. नक्सली बंदी का जो असर दो दिन पहले दिखा वह दिन बदलने के साथ कमजोर पड़ने लगा है.
अनिश्चय में पड़े लोग प्रभावित इलाके में जाने से कतराने लगे हैं. आलम यह है कि जररुत नहीं पड़ने पर घर से निकला उचित नहीं समझा जा रहा है. एएसपी(अभियान) विक्रम सिंह ठाकुर ने बताया कि बंदी को लेकर प्रभावित इलाके में एसटीएफ के साथ पेट्रोलिंग किया जा रहा है.