सीतामढ़ीः डुमरा प्रखंड के भीसा हॉल्ट स्थित आनंद मार्ग आश्रम मे बुधवार को श्री श्री आनंद मूर्ति जी के 93 वें जन्मोत्सव के अवसर पर मानव कल्याण के लिए सिद्ध अष्टाक्षरी महामंत्र बाबा नाम केवलम का अखंड संकीर्तन एवं आनंद वाणी पाठ का आयोजन किया गया. जिसमें भक्ति के महत्व पर प्रकाश डालते हुए कहा गया कि भक्ति से बड़ी कोई संपदा नहीं है.
इस अवसर पर आचार्य परिपूर्णानंद अवधूत ने शारीरिक, मानसिक एवं आध्यात्मिक विकास के लिए विविध आयामों पर प्रकाश डाला. खास तौर से उन्होंने चार प्रकार के यज्ञ यथा पितृ यज्ञ, नृ यज्ञ, भूत यज्ञ एवं अध्यात्म यज्ञ पर विस्तृत चर्चा की. साथ हीं उन्होंने यह भी कहा कि भक्त होना हीं बुद्धिमता है.
प्रो देव नारायण नायक ने अष्टांग योग की व्याख्या की. मुक्ति प्रधान रामविलास देव ने व्यावहारिक ज्ञान को जीवन में आत्मसात करने पर बल दिया. उषा रानी, राम एकबाल महतो, बिकाऊ महतो, आचार्य सीताराम देव आदि ने भी वर्तमान युग में अध्यात्म के विकास के संदर्भ में चर्चा की. दो दिवसीय कार्यक्रम में नेपाल समेत कई जगहों से बड़ी संख्या में लोग उपस्थित थे.