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परिवहन अभिकर्ताओं के बीच टकराव

सीतामढ़ी : जिले में सरकारी अनाज की कालाबाजारी को लेकर जारी प्रशासनिक सख्ती के बीच अनाज माफियाओं की नींद उड़ गयी है. अनाज माफिया, एजीएम व एसएफसी के कर्मी तथा राजनेताओं के साथ मिलीभगत कर कुछ परिवहन अभिकर्त्ता अब भी अनाज की कालाबाजारी में लगे है. पिछले दस दिनों में कालाबाजारी के दो नये मामले […]

सीतामढ़ी : जिले में सरकारी अनाज की कालाबाजारी को लेकर जारी प्रशासनिक सख्ती के बीच अनाज माफियाओं की नींद उड़ गयी है. अनाज माफिया, एजीएम व एसएफसी के कर्मी तथा राजनेताओं के साथ मिलीभगत कर कुछ परिवहन अभिकर्त्ता अब भी अनाज की कालाबाजारी में लगे है. पिछले दस दिनों में कालाबाजारी के दो नये मामले सामने आये है. हैरत की बात यह की जागरूक हो चुकी पब्लिक द्वारा हीं अनाज की कालाबाजारी के मामले की सूचना प्रशासन तक पहुंचायी जा रहीं है.

लेकिन अधिकारियों की टीम माफियाओं के साथ मिलकर मामले को मैनेज कर पब्लिक के उम्मीदों पर पानी फेर रहीं है. फिलहाल अनाज की कालाबाजारी को लेकर परिवहन अभिकर्ताओं में ठनी हुई है. जिले में तीन परिवहन अभिकर्ता है. तीनों एक-दूसरे पर नजर जमाये हुए है. यहीं वजह है कि तीनों एक-दूसरे की कालाबाजारी की खबर प्रशासन तक पहुंचा रहे है. लिहाजा परिवहन ठेकेदारों में टकराव है. कुछ परिवहन अभिकर्ताओं ने मुख्य परिवहन अभिकर्ता पर सवाल उठाते हुए अधिकारियों को पत्र भेजा है.

जिसमें बताया है कि साल 2012-13 में परिवहन अभिकर्ता रहे राजू सिंह पर 9 करोड़ के गबन का मामला दर्ज है. जिसमें वह क्षतिगमन की राशि का किश्तों में भुगतान कर है. एसएफसी के नियम के अनुसार आरोपी संवेदक के परिजन व रिश्तेदारों को दोबारा काम नहीं दिया जाना है. बावजूद इसके राजू सिंह ने अपनी पहुंच के आधार पर अपने भाई संजय सिंह के नाम पर एसएफसी में दोबारा परिवहन अभिकर्ता का टेंडर प्राप्त कर लिया है. बताया है कि राजू सिंह के खिलाफ आर्थिक अपराध का भी मामला चल रहा है. वहीं उन्होंने साल 2012-13 में जिस ट्रक नंबर के नाम पर परिवहन अभिकर्ता बने थे, उसी ट्रक नंबर को अपने भाई के नाम ट्रांसफर कर विभाग की आंख में धूल झोंक रहे है.

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