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नदी में अब जल्द सुनायी देगा कलकल का शोर

खुशखबरी. लखनदेई नदी की उड़ाही का रास्ता साफ सीतामढ़ी : जिलावासियों के लिए एक बड़ी खुशखबरी हैं. यह कि सामाजिक व धार्मिक दृष्टिकोण से अति महत्वपूर्ण मृतप्राय हो चुकी लखनदेई नदी की उड़ाही का रास्ता साफ हो गया है. लखनदेई नदी की धारा को विलोपित करने के सबसे बड़े कारण को दूर करने की हरी […]

खुशखबरी. लखनदेई नदी की उड़ाही का रास्ता साफ

सीतामढ़ी : जिलावासियों के लिए एक बड़ी खुशखबरी हैं. यह कि सामाजिक व धार्मिक दृष्टिकोण से अति महत्वपूर्ण मृतप्राय हो चुकी लखनदेई नदी की उड़ाही का रास्ता साफ हो गया है.
लखनदेई नदी की धारा को विलोपित करने के सबसे बड़े कारण को दूर करने की हरी झंडी जल संसाधन विभाग की ओर से मिल गयी हैं. अगस्त 2016 में बीस सूत्री के बैठक में भाग लेने आये जल संसाधन मंत्री ललन सिंह को लोक अभियोजक अरूण कुमार सिंह ने अपने आवास पर लखनदेई नदी के महत्व से अवगत कराते हुए उड़ाही की मांग की थी.
उसी वक्त मंत्री श्री सिंह ने दूरभाष पर संबंधित विभाग के प्रधान सचिव को डीपीआर बनाने का निर्देश दिया था. लोक अभियोजक श्री सिंह ने इसकी पुष्टि करते हुए बताया कि डीपीआर बनने के बाद योजना के क्रियान्वयन की स्वीकृति भी मिल चुकी हैं.
होता आ रहा आंदोलन: लखनदेई नदी की धारा को जिंदा करने के लिए जिले में लंबे समय से सामाजिक आंदोलन चल रहा हैं.
खासतौर पर संघर्ष यात्रा के संयोजक शशि शेखर सिंह, सामाजिक कार्यकर्ता शाहिण प्रवीण व बसंत कुमार मिश्रा के अलावा तमाम राजनीतिक व सामाजिक कार्यकर्ताओं ने कमोवेश नदी उड़ाही के लिए आमरण-अनशन व धरना-प्रदर्शन की हैं.
मूल धारा में वापस आयेगी नदी: बताया जाता है कि खाप-खोपराहा व कचोर में नदी की धारा बदल जाने से लखनदेई नदी का अस्तित्व समाप्त होता जा रहा हैं. दोनों स्थान पर जमीन खरीद, उड़ाही व नदी पर से अतिक्रमण हटाने के बाद मूल धारा को वापस लाया जा सकेगा. जिसके बाद नदी से नाला में तब्दील हो चुके ऐतिहासिक लखनदेई नदी की धारा से एक बार फिर से कलकल की शोर आने लगेगी. जिसका इंतजार जिले के लोगों को लंबे समय से हैं.
20 करोड़ की डीपीआर बन कर तैयार
वर्षों बाद काम होगा शुरू, लोगों में उत्साह
20 करोड़ रुपये से डीपीआर बनने की पुष्टि करते हुए बागमती डिवीजन के कार्यपालक अभियंता रामविनय सिन्हा ने बताया कि 20 करोड़ रुपये का डीपीआर बना हैं. जिसमें 8 से 10 करोड़ रुपये का खर्च जमीन खरीद में किया जायेगा. खाप-खोपराहा में एक किमी लंबा व 30 से 35 मीटर चौड़ा जमीन खरीद करनी हैं. शेष 12 लाख रुपया का इस्तेमाल उड़ाही में किया जायेगा.

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