भागलपुर. तिलकामांझी भागलपुर विश्वविद्यालय में छह माह पहले वाली कहानी दोहरायी जा सकती है. सत्र 2018-21 पार्ट थ्री का रिजल्ट टीआर के भरोसे रिजल्ट जारी की गयी थी. इस बार सत्र 2020-23 पार्ट वन परीक्षा का रिजल्ट भी जारी करने के लिए परीक्षा विभाग में कागज की कमी बतायी जा रही है. अंकपत्र तैयार करने के लिए विवि के पास कागज नहीं है. सूत्रों के अनुसार पार्ट वन परीक्षा में 40 हजार से अधिक छात्र-छात्राएं शामिल हुए हैं. ऐसे में विवि प्रशासन के क्रियाकलाप पर सवाल उठने लगे हैं.
पीजी सेमेस्टर वन व फोर की परीक्षा चल रही है. बीएड प्रथम व द्वितीय वर्ष की परीक्षा भी चल रही है. बीसीए, एमसीए, एमबीए व पार्ट टू परीक्षा की शुरू होना बाकी है. करीब एक लाख अंक पत्र की जरूरत पड़ सकती है.
विवि के रजिस्ट्रार डॉ निरंजन प्रसाद यादव ने कहा कि कागज की व्यवस्था समय-समय पर परीक्षा विभाग को उपलब्ध कराया जाता है. एक बार लाखों रुपये का कागज खरीदने का अधिकार उनके क्षेत्र में नहीं है. विवि के वरीय अधिकारी को अधिकार है कि बड़ी संख्या में कागज की खरीदारी कर सकते हैं.
उन्होंने कहा कि अचानक से नोटिस निकाल पर कागज की तुरंत मांग की जाती है. ऐसे में उनके अधिकार क्षेत्र में है, उसी के तहत कागज की खरीदारी कर परीक्षा विभाग को दिया जाता है. रजिस्ट्रार ने कहा कि कागज की खरीदारी कर विवि प्रेस भेजा गया है. अंकपत्र की छपाई का काम चल रहा है.
विवि के एक अधिकारी ने बताया कि सत्र 2018-21 पार्ट थ्री रिजल्ट से पहले विवि से पार्ट टू का रिजल्ट जारी किया गया था. कागज की कमी के कारण छात्रों को सात माह बाद अंकपत्र उपलब्ध कराया गया था. रिजल्ट के नाम पर कॉलेजों को सिर्फ टीआर भेजा गया था.
विवि सूत्रों के अनुसार परीक्षा विभाग ने पार्ट वन के अंक पत्र जारी करने के लिए स्टोर से मांग की है. विभाग ने कहा कि कागज की व्यवस्था कराये. ताकि अंकपत्र तैयार किया जा सकें. अंक पत्र तैयार करने के लिए परीक्षा विभाग के पास कागज की कमी है. ऐसे में छात्राें को अंक पत्र नहीं दे पायेंगे.