लाइसेंस के लिए डीएम के यहां भेजी गयी संचिका
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लघु खनिज विक्रेता अनुज्ञप्ति के लिए 104 ने किये आवेदन
लाइसेंस के लिए डीएम के यहां भेजी गयी संचिका शेखपुरा : लघु खनिज विक्रेता के लिए अनुज्ञप्ति जारी करने की प्रक्रिया में अंतिम दिन गुरुवार की देर रात्रि तक 104 अभ्यर्थियों ने अपना दस्तावेज जमा कराया. इस अनुमति के लिए जिलाधिकारी दिनेश कुमार के नेतृत्व में सभी 184 लोगों को लॉटरी एवं अन्य प्रक्रिया से […]
शेखपुरा : लघु खनिज विक्रेता के लिए अनुज्ञप्ति जारी करने की प्रक्रिया में अंतिम दिन गुरुवार की देर रात्रि तक 104 अभ्यर्थियों ने अपना दस्तावेज जमा कराया. इस अनुमति के लिए जिलाधिकारी दिनेश कुमार के नेतृत्व में सभी 184 लोगों को लॉटरी एवं अन्य प्रक्रिया से चयनित किया गया था. इस प्रक्रिया के तहत जिला प्रशासन ने 28, 29 एवं 30 नवंबर तक लोगों को अनुज्ञप्ति से संबंधित दस्तावेज के साथ एक लाख की बैंक गारंटी एवं तीस हजार का बैंक ड्राफ्ट जमा कराने का निर्देश दिया था.
इसी निर्देश के आलोक में 104 लोगों ने दस्तावेजों का मूल प्रति से मिलान कर विभाग को उपलब्ध कराया. इंडोर स्टेडियम में दस्तावेज जमा कराने के लिए जुटे अभ्यर्थियों के साथ प्रशासनिक महकमा को देर रात्रि तक काफी मशक्कत का सामना करना पड़ा. इस बाबत खनिज विकास पदाधिकारी ज्ञान प्रकाश ने बताया कि दस्तावेज उपलब्ध कराने के बाद अनुज्ञप्ति की स्वीकृति प्रदान करने के लिए जिलाधिकारी के यहां संचिका भेज दी गई है.
संचिका के अवलोकन के आधार पर संबंधित अंचलाधिकारियों से इसकी जांच कराई जाएगी. तत्पश्चात अनुज्ञप्ति दिशा निर्देश के आलोक में निर्गत किया जाएगा. इधर लघु खनिज कारोबार के लिए अनुज्ञप्ति जारी होने में फिलहाल बड़ा पेंच सामने आ रहा है. दरअसल लघु खनिज अनुज्ञप्ति के लिए विभाग के द्वारा भूमिका परिवर्तन कराने का प्रावधान किया गया है. ऐसी परिस्थिति में समपरिवर्तन से जुड़े बिंदु पर 104 में एक भी अभ्यर्थी शर्त को पूरा नहीं कर पा रहे हैं. ऐसी परिस्थिति में फिलहाल अनुज्ञप्ति जारी होने से संबंधित मामला डीएम के पाले में जा पहुंचा है.
ठप रहा जिले में पत्थर उत्खनन का कारोबार:सरकार के लघु खनिज विक्रेता अनुज्ञप्ति को लेकर नई नियमावली ने काफी ओहापोह की स्थिति उत्पन्न कर दिया है. नया नियमावली के पहले दिन शुक्रवार को जिले के अंदर पत्थर उत्खनन से लेकर क्रशर संचालन का कारोबार पूरी तरह ठप रहा. जिले में पत्थर उद्योग की स्थितियों पर अगर नजर डाले तो यहां सभी 11 पहाड़ी भूखंडों की बंदोबस्ती की गई है. जिसमें नौ पहाड़ी भूखंडों में उत्खनन कार्य चल रहा है. इन पहाड़ी भूखंडों से विभाग को रोजाना तकरीबन नौ लाख रुपए के राजस्व की उगाही होना है.
ऐसी परिस्थिति में पत्थर उत्खनन का कारोबार ठप रहने से कारोबारियों को भारी नुकसान का सामना करना पड़ रहा है. नए नियमावली के तहत सभी विभाग के द्वारा पूरी प्रक्रिया शुरू नहीं किए जाने से फिलहाल कारोबार ठप है.इस दिशा में स्थानीय कर्मचारियों की मानें तो सरकार ने बिहार लघु खनिज समअनुदान नियमावली 1972 के नियमावली 49 के तहत नई व्यवस्था को बहाल करने का दावा किया है. लोगों की मानें तो उक्त नियमावली के तहत लघु खनिज का कारोबार फ़ार्म एल के तहत कोई भी कर सकता है.
इसके लिए अनुज्ञप्ति एक वर्ष के लिए माह जनवरी से दिसंबर तक का अनुज्ञप्ति जारी होता है. इस अनुज्ञप्ति के लिए विभाग के द्वारा पांच हजार का शुल्क निर्धारित है. जबकि नवीकरण के लिए एक हजार का शुल्क निर्धारित किया गया है. लेकिन 1972 के नियमावली का हवाला देकर वर्तमान व्यवस्था में सरकार एक लाख तीस हजार रुपए का दर निर्धारित किया है. जिसमें तीस हजार का बैंक ड्राफ्ट एवं एक लाख रुपये का बैंक गारंटी निर्धारित है. ऐसी परिस्थिति में स्थानीय कारोबारियों में काफी असमंजस की स्थिति बनी है.
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